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________________ क बन्ध १४.४० १३.३७० ८२०५, कणय २३ ) परिशिष्ट औदारिककाययोगी ८.२०३ | अंगुल ४.५७; १३.३०४,३७१ | कर्णक्षेत्र ४.१५ औदारिककार्मणशरीर- अंगुलगणना ४.४० | कर्णाकार ४.७८ बन्ध १४.४२ अंगुलपृथक्त्व १३.३०४ | | कर्ता १.११९; ९.१०७ औदारिकतैजसकामण अंडर १४.८६ कर्म ४.२३ ; १३.३७.३२८; शरीरबन्ध १४.४३ अंशांशिभाव १४.४३३ ५.२०८ कर्मअनन्त रविधान १३.३८ औदारिकतंजसशरीर कर्मअनुयोगद्वार १४.४२ कटक ९.२३२ औदारिकमिश्रकाययोग | कटुकनाम कर्मअल्पबहुत्व १३ ३८ कटुकनामकर्म कर्मउपक्रम १५.४१,४२ १.२९०,३१६ कर्म उपशामना औदारिकमिश्रकाययोगी कणभक्ष १३.२८८ १५.२७५ १४.३५ कर्म-कर्मविधान १३.३८ कर्मकारक औदारिकशरीर कदलीघात ६.१७०७.१२४; १३.२७९ ४.५४; १०.२२८,२३७,२४० कर्मकालविधान १३.३८ ६.६९; ८.१०; १४.७८ कदलीघातक्रम औदारिकशरीर अंगोपांग६.७३ १०.२५० | कर्मक्षेत्र उत्कृष्ट ११.१३ कथन ४.१४४,३२२ | कर्मक्षेत्रजघन्य औदारिकशरीरकायत्व ११.१२ कन्दक १३.३४ कर्मक्षेत्रविधान १३.३८ १४.२४२ | कर्मगतिविधान औदारिकशरीरनाम १३.३६७ कपाट ९.२३६; १०.३२१; १३.३८ औदारिकशरीरबंधन ६७० १३८४ कर्मजा प्रज्ञा ९.८२ औदारिकशरीरबंधननाम कपाटगतकेवली ४.४९ कर्मत्व ६.१२ कपाटपर्याय कर्मद्रव्य ७.८२ १३.३६७ औदारिकबंशरीरधस्पर्श कपाटसमुद्घात ४.२८,४३६ ; | कर्मद्रव्यक्षेत्र १३.३०,३१ ६.४१३ | कर्मद्रव्यभाव १२.२ औदारिकशरीरसंघात ६.७० कपिल ६.४९०; १३.२८८ | कर्मद्रव्यविधान १३.३८ औदारिकशरीरसंघातनाम करण ४.३३५,५.११ | कर्मधारय १०.२३६ करण कृति १३.३६७ | कर्मधारयसमास ३.७ औदारिकशरीरस्थान करणगाथा ४.२०३ कर्मनयविभाषणता १३.३८ १४.४३२,४३३ करणिगच्छ १०.१५५ कर्मनामविधान १३.३८ औदारिकशरीरांगोपांग करणिगत १०.१५२ | कर्मनारक। ७.३० ८.१०; १३.३६९ करणिगतराशि १०,१५२ | कर्मनिक्षेप १३.३८ औपचारिकनोकर्मद्रव्यक्षेत्र४.७ करणिशुद्धवर्गमूल १०.१५१ | कर्मनिबन्धन १५.३ औपशमिक १.१६१,१७२; करणोपशामना १५.२७५ कर्मनिर्जरा ७.१४ ७.३०; १३.२७९ करुणा १३.३६१ कर्मपरिमाणविधान १३.३८ औपशमिकभाव ५.१८५,२०४ कर्कशनाम १३.३७० कर्मपुद्गल ४.३३२,३२५ कर्कशनामकर्म | कर्मपुद्गलपरिवर्तन ४.३२२, अंक कर्कशस्पर्श १३.२४ ३२५ अंग ९.७२; १३.३३५ कर्ण ४.१४ | कर्मप्रकृति १३.२०४,२०५, अंगमल १४.३६ Jain Education International अ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.
SR No.001815
Book TitleShatkhandagama Pustak 16
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1995
Total Pages348
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size8 MB
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