SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 297
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिशिष्ट M द्रव्य mr २४ ५०७ देशप्रकृतिविपरिणामना २८३ | निबन्धन १ पर्यायाथिक नय ४८५ देशमोक्ष ३३७ | निषेकगुणहानि पर्युदास २५ देशविपरिणामना २८३ स्थानान्तर ३२८ पायदकरण २७८ दोगुणश्रेणिशीर्ष २९७ नीललेश्या ४८४,४८८,४९० पिण्डप्रकृति ३४७ ३३ नैगम पुद्गलद्रव्य द्रव्यउपक्रम ४१ नोअनुभागदीर्घ ५०९ पुद्गलनिबद्ध ७,१३ द्रव्यउपशामना २७५ नोअनुभागह स्व पुद्गलात्त ५१४ द्रव्यनिबन्धन नोआगमभाव उपशामना २७५ पुद्गलात्मा ५१५ द्रव्यपक्रम | नोआगमभावलेश्या ४८५ पूर्वधर २३८ द्रव्यमोक्ष ३३७ नोकर्म उपक्रम पूर्वस्पर्धक ५२०,५७८ द्रव्यलेश्या ४८४ नोकर्मउपशामना २७५ प्रकृतिदीर्घ ५०७ द्रव्यसंक्रम ३३९ नोकर्मप्रक्रम १५ | प्रकृतिमोक्ष ३३७ द्रव्याथिक नय ४८५ | नोकर्ममोक्ष प्रकृतिसत्कर्म ५२२ द्विस्थानिक १७४,५३९ | | नोकर्मसंक्रम प्रकृतिसंक्रम ३४० नोप्रकृतिदीर्घ प्रकृतिस्थानउपशामना २८० धर्मद्रव्य ३३ नोप्रकृतिह स्व ५०९ प्रकृतिह स्व ध्रुव उदयप्रकृति नोप्रदेशदीर्घ प्रक्रम १५,१६,४२ ध्रुवउदीरक नोप्रदेशह स्व ५११ प्रतिग्रह ४११,४१४,४९५ ध्रुवउदीरणाप्रकृति १०९ नोस्थितिदीर्घ प्रत्ययनिबन्धन २ ध्रुवबन्धप्रकृति १४५,३२८ | नोस्थितिह स्व प्रदेशउदीरकअध्यवसानध्रुवोदयप्रकृति १५९,१६२, स्थान ५७७ पद्मलेश्या ४८४,४८८,४९२ प्रदेशगुणहानिस्थानान्तर ३७८ प्रदेशदीर्घ ५०९ पयदकरण २७६,२७७ नागहस्ती ३२७,५१८,५२२ प्रदेशमोक्ष ३३८ परभविक नामउपक्रम प्रदेशविपरिणामना .२८३ परभविक नामप्रकृति ३४ नामउपशामना २७५ प्रदेशसंक्रम ४०८ परभविकनामबन्धानामनिबन्धन प्रदेसंक्रमणाध्यवध्यवसान ३८७ नामप्रक्रम सानस्थान ५७७ परिग्रहतः आत्त पुद्गल ५१५ नाममोक्ष ३३९ परिणाम प्रदेशह स्त्र १७२ ५११ ४८४ नामलेश्या प्रयोगउ:उदय परिणामतःआत्तपुद्गल ५१५ २८९ नामसंक्रम प्रशस्तोपशामना निकाचनअध्यवसान ५७७ | परिणामप्रत्ययिक १७२,२४२ प्रसज्य निकाचित ५१७,५७६ २६१ निक्षेपाचार्य ४० परित्तजीविय २७४ निक्षेप ३४७ | परिवर्तमान बन्धनउपक्रम निधत्त ५१६,५७६ | परिवर्तमान नामप्रकृति १४६ | बन्धमार्गणा निधत्तअध्यवसान ५७७ पर्याप्तनिर्वृत्ति १८० । . ५०८ ३६३ ४१ २३४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001815
Book TitleShatkhandagama Pustak 16
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1995
Total Pages348
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy