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हार्दिक अभिनंदन !
धवला षट्खंडागमके भाग १० से १६ तक के पुनर्मुद्रणके लिए 'धर्मानुरागी' धवला परम संरक्षक श्री. डॉ. अप्पासाहेब कलगोंडा नाडगौडा पाटील और उनकी धर्मपत्नी सौ. डॉ. त्रिशलादेवी अप्पासाहेब नाडगौडा पाटील रबकवी (कर्नाटक) इन्होंने आर्थिक सहयोग देकर जिनवाणीकी सेवाका जो महान् आदर्श उपस्थित किया है उसके लिए उनका हार्दिक अभिनंदन करते हुए हम उनके प्रति अनेकशः धन्यवाद प्रकट करते हैं। विश्वस्त मंडल-- जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर.
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