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________________ ( २२ ) विषय विपरिणाम उपक्रम प्रकृतिविपरिणामना आदि चार भेदों का निर्देश करके उनमें मूलप्रकृतिविपरिणामनाकी प्ररूपणा विषय मूलप्रकृति स्थितिउदयप्ररूपणा में संनिकर्ष मूलप्रकृति स्थितिउदयप्ररूपणामें अल्पबहुत्व स्थितिउदयप्ररूपणा में भुजाकार, पदनिक्षेप और वृद्धिकी प्ररूपणाके स्थितिउदीरणाके समान करनेका उल्लेख उत्तरप्रकृतिस्थितिउदयप्ररूपणा में उत्कृष्ट और जघन्य स्थितिउदयप्रमाणानुगम यहाँ उत्कृष्ट स्थिति उदयविषयक स्वामित्व आदि अनुयोगद्वारोंकी प्ररूपणाको उत्कृष्ट स्थितिउदीरणाके समान करनेका निर्देश अनुभाग उदयकी प्ररूपणा २८५ प्रदेश उदयप्ररूपणा में १० गुणश्रेणियों का निर्देश करके अन्य भवमें संक्रान्त होनेवाली गुणश्रेणियों का उल्लेख उत्कृष्ट प्रदेश उदय में स्वामित्व प्ररूपणा जघन्य प्रदेश उदय में स्वामित्व प्ररूपणा Jain Education International पृष्ठ उत्तरप्रकृतिविपरिणामनाकी प्ररूपणा स्थितिविपरिणामनाकी प्ररूपणा अनुभागविपरिणामना और प्रदेशविपरिणाम नाकी प्ररूपणा १० उदयानुयोगद्वार २८५-३३६ नामादिरूप उदयभेदोंमेंसे यहाँ नोआगमकर्मद्रव्यउदयको प्रकृत बतलाकर उसके भेदप्रभेदोंका निर्देश २८२ २८३ प्रमाणानुगम मूलप्रकृति स्थितिउदयप्ररूपणा में स्थितिउदयस्वामित्व मूलप्रकृति स्थितिउदयप्ररूपणा में एक जीवकी अपेक्षा काल व अन्तर मूलप्रकृति स्थितिउदयप्ररूपणा में नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय आदि " उत्तरप्रकृतिउदयकी प्ररूपणा में स्वामित्व उत्तरप्रकृतिउदयकी प्ररूपणा में एक जीवकी अपेक्षा काल व अन्तर, नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय, काल व अन्तर तथा संनिकर्ष अनुयोगद्वारोंका निर्देश मात्र करके अल्पबहुत्व प्ररूपणा में प्रकृतिउदयसे कुछ विशेषताओंका दिग्दर्शन यहां भुजाकार, पदनिक्षेप और वृद्धिकी असम्भावनाका निर्देश करके प्रकृतिस्थानउदयप्ररूपणा की प्रकृतिस्थान उदीरणासे समानताका उल्लेख मूलप्रकृति स्थितिउदयप्ररूपणा में स्थितिउदय २८४ 17 २८८ २८९ २८९ २९० २९१ २९२ यहाँ काल आदि शेष अनुयोगद्वारों का उल्लेख मात्र करके उत्कृष्ट प्रदेशोदय संबंधी प्ररूपणा पदनिक्षेप प्रदेशोदय- स्वामित्व पदनिक्षेप प्रदेशोदय अल्पबहुत्व ¤¤ पृष्ठ For Private & Personal Use Only २९३ २९४ 11 77 २९५ अल्पबहुत्व की प्ररूपणा ३०९ जघन्य प्रदेशोदय सम्बन्धी अल्पबहुत्व की प्ररूपणा ३१८ भुजाकार प्रदेशोदयकी प्ररूपणा में अर्थपदनिर्देशपूर्वक स्वामित्व भुजाकार प्रदेशोदयकी प्ररूपणा में एक जीवकी अपेक्षा कालप्ररूपणा भुजाकार प्रदेशोदयकी प्ररूपणा में अन्तर प्ररूपणा भुजाकार प्रदेशोदयकी प्ररूपणा में अल्पबहुत्व 19 २९६ २९७ ३०२ ३२५ " ३२९ " ३३२ ३३५ www.jainelibrary.org.
SR No.001814
Book TitleShatkhandagama Pustak 15
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1994
Total Pages488
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size12 MB
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