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उक्कमाणुयोगद्दारे ट्ठिदिउदीरणा
( १३.२ जहणेण अंतोमुहत्तं, उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जा पोग्गलपरियट्टा। अणुक्कस्सद्विबिउदीरणंतरं जहण्णेण एगसमओ, उपकस्सेण तेत्तीसं सागरोवमाणि सादिरेयाणि । सादासादवेदणीयाणमुक्कस्सटिदिउदीरणंतरं केवचिरं कालादो होदि ? जहण्णेण अंतोमुत्तं, उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जा पोग्गलपरियट्टा । अणुक्कस्सट्ठिदिउदीरणंतरं जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण तेत्तीसं सागरोवमाणि सादिरेयाणि छम्मासा।
मिच्छत्तस्स उक्कस्सटिदिउदीरणंतरं जहण्णेण अंतोमुहुत्तं, उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जा पोग्गलपरियट्टा । अणुक्कस्सद्विदिउदीरणंतरं जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण बे-छावद्धिसागरोवमाणि देसूणाणि । सम्मत्त-सम्मामिच्छत्ताणं उक्कस्सद्विदिउदीरणंतरं जहण्णेण अंतोमुहत्तं उक्कस्सेण अद्धपोग्गलपरियढें । अणुक्कस्सट्ठिदिउदीरणंतरं जहण्णण एगसमओ अंतोमहत्तं च, उक्कस्सेण उवड्ढपोग्गलपरियढें । चदुण्णं संजलणाणमुक्कस्सटिदिउदीरणंतरं जहण्णण अंतोमुहुत्तं, उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जा पोग्गलपरियट्टा । अणुक्कस्सट्ठिदिउदोरणंतरं जहण्णण एगसमओ, उक्कस्सेण अंतोमुहुत्तं । अणंताणुबंधिचउक्कस्स उक्कस्सट्ठिदिउदीरणंतरं जहण्णेण अंतोमुहत्तं, उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जा पोग्गलपरियट्टा । अणुक्कस्सटिदिउदीरणंतरं जहण्णण एगसमओ, उक्कस्सेण बे-छावट्टिसागरोवमाणि देसूणाणि । अटुकसायाणमुक्कस्सट्ठिदिउदीरणंतरं जहण्णेण अंतोमुहत्तं, उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जा
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अंतर जघन्यसे अन्तर्मुहुर्त और उत्कर्षसे असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन मात्र अनन्त काल प्रमाण होता है। उनकी अनुत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका अंतर जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे साधिक तेतीस सागरोपम प्रमाण होता है । साता व असाता वेदनीयकी उत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका अंतर काले कितना है ? वह जघन्यसे अंतर्मुहूर्त और उत्कर्षसे असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन प्रमाण अंतर काल है। उनकी अनुत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका अंतर जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे सातावेदनीयका साधिक तेतीस सागरोपम तथा असातावेदनीयका छह मास प्रमाण होता है।
मिथ्यात्वकी उत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका अंतर जघन्यसे अंतर्मुहूर्त और उत्कर्षसे असंख्यात पदगलपरिवर्तन मात्र अनंत काल है। उसकी अनत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका अंतर जघन्यसे समय और उत्कर्षसे कुछ कम दो छयासठ सागरोपम प्रमाण होता है। सम्यक्त्व और सम्यग्मिथ्यात्वकी उत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका अंतर जघन्यसे अंतर्मुहर्त और उत्कर्षसे अर्ध पुद्गलपरिवर्तन प्रमाण होता है। उनकी अनुत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका अंतर जघन्यसे एक समय और अंतर्मुहूर्त तथा उत्कर्षसे उपार्ध पुद्गलपरिवर्तन मात्र होता है। चार संज्वलन कषायोंकी उत्कृष्ट स्थितिकी उदीरणाका अंतर जघन्यसे अन्तर्मुहर्त और उत्कर्षसे असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन मात्र अनन्त काल प्रमाण होता है। उनकी अनुत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका अन्तर जघन्यसे एक समय
और उत्कषसे अन्तर्मुहूर्त मात्र होता है । अनन्तानुबन्धिचतुष्ककी उकृष्ट स्थिति-उदीरणाका अंतर जघन्यसे अन्तर्मुहूर्त और उत्कर्षसे असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन मात्र अनन्त काल प्रमाण होता है। उनकी अनुत्कृष्ट स्थिति-उदीरणाका अन्तर जघन्यसे एक समय और उत्कर्षसे कुछ कम दो छयासठ सागरोपम प्रमाण होता है । आठ कषायोंकी उत्कष्ट स्थितिकी उदारणाका अन्तर aint
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