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________________ छक्खंडागमे वग्गणा-खंडं ३१४ ) ( ५, ६, २१८ कुदो ? एगपदत्तादो। संजवासंजदा विभंगणाणिभंगो ॥ २१८ ॥ कुदो ? सव्वत्थोवा चदुसरीरा। तिसरीरा असंखेगणा । को गुणगारो ? आवलि० असंखे० मागो इच्चेदेसु असंखेज्जगुणत्तणेण भेदाभावादो । असंजद-अचक्खुदंसणी ओघं ॥ २१९ ॥ लेस्साणुवादेण किण्ण-णील-काउलेस्सिया भवियाणुवादेण भवसिद्धिय-अभवसिद्धिया ओघं ॥ २२० ॥ कुदो ? सम्वत्थोवा चदुसरीरा। विसरीरा अणंतगणा । तिसरीरा असंखे०. गुणा। को गुण ? संखेज्जावलियाओ इच्चेदेण भेदाभावादो। दसणाणुवावेण चक्खुदंसणी ओहिदसणी तेउलेस्सिया पम्मलेस्सिया पंचिदियपज्जत्ताणं भंगो ॥ २२१ ॥ कुदो ? पदसंखाए असंखेज्जगणतणेण च भेदाभावादो। अत्थदो पुण अस्थि क्योंकि, इन मार्गणाओंमें एक ही पद है। संयतासंयतोंमें विभङगज्ञानियोंके समान भंग है ॥ २१८ ॥ क्योंकि, चार शरीरवाले जीव सबसे स्तोक हैं। उनसे तीन शरीरवाले जीव असंख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है ? आवलिके असंख्यातवें भागप्रमाण गुणकार है। इस प्रकार इनमें असंख्यातगुणत्वकी अपेक्षा कोई भेद नहीं है । असंयत और अचक्षदर्शनवाले जीवोंका भंग ओघके समान है ॥ २१९ ॥ लेश्यामार्गणाके अनुवादसे कृष्णलेश्यावाले नीललेश्यावाले और कापोतलेश्यावाले तथा भव्यमार्गणाके अनुवादसे भव्य और अभव्य जीवोंमें ओघके समान भंग है ।। २२० ॥ क्योंकि, चार शरीरवाले जीव सबसे स्तोक हैं। उनसे दो शरीरवाले जीव अनन्तगुणे हैं और उनसे तीन शरीरवाले जीव असंख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है ? असंख्यात आवलियां गुगकार है। इस प्रकार इस अल्पबहुत्वकी अपेक्षा यहां कोई भेद नहीं है। दर्शनमार्गणाके अनुवादसे चक्षदर्शनवाले और अवधिदर्शनवाले तथा पोतलेश्यावाले और पद्मलेश्यावाले जीवोंमें पञ्चेन्द्रियपर्याप्तकोंके समान भंग है ।। २२१ ॥ क्योंकि, पदोंकी संख्या और असंख्यातगुणत्वको अपेक्षा कोई भेद नहीं है। अर्थकी ४ म०प्रतिपाठोऽयम् । ता. प्रतौ सूत्रमिदं पृथक नोपलभ्यते 1 अ० प्रती अस्मिन् सूत्रे ' ओघं ' इति पाठः तथा का प्रती ' असंजद ' इति पाठो नोपलभ्यते । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001813
Book TitleShatkhandagama Pustak 14
Original Sutra AuthorBhutbali
AuthorHiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1994
Total Pages634
LanguagePrakrit, Hindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Karma
File Size15 MB
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