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छक्खंडागमे वग्गणा-खंड
( ५, ६, ११६
अद्धेण गुणिय | ६४ २७ पुवरासिम्हि भागे हिदे किंचूणत्तमजोएदूण गुणगारभागहारमवणि दे एत्तियं होदि (६२/ पुणो एदेण गुणहाणि गुणिदे एत्तियं होदि १३२।। पुणो हेद्विमदोगुणहाणिदब्वे पविखत्ते एत्तियं होदि २/३७ । भागे हिदेएत्तियं होदि
|२३ । चत्तारिसत्तावीसभागहीणचत्तारिगुणहाणीयो किंचूणत्तमजोएदूण जवमज्झ। २७/ पमाणेण सव्वदव्वे अवहिरिज्माणे चत्तारिगुणहाणिढाणंतरेण कालेण अवहिरिज्जदि । परमाणुपोग्गलदव्वपमाणेण सव्वदन्वं केवचिरेण कालेण अवहिरिज्जदि ? गुणहाणिवग्गेण सचउब्भागदोरूवाणिदेण। कुदो ? परमाणुपदेसद्वदाए सव्वदन्दे भागे हिदे सचउब्भागदोरूवगुणिदगुणहाणिवग्गवलंभादो। दुपदेसियवग्गणपदेसट्टदाए पमाणेण सम्बदव्वं केवचिरं कालेण अवहिरिज्जदि? पुवभागहारादो अद्धसादिरेयमेत्तेणकालेण अवहिरिज्जदि । तं जहा- परमाणवग्गणभागहारस्सद्धं विरलिय सव्वदम्वे समखंडं करिय दिण्णे रूवं पडि दुगणपरमाणुवग्गणपमाणं पावदि। पुणो हेट्ठा दोगुणहाणीयो पुन: पहले स्थापित की गई प्रतिराशिको सत्ताईसके अर्धभागसे गुणित कर | ६४।२५और इनका पूर्व राशिमें भाग देने पर कुछ कमकी विवक्षा न कर भागहार और गुणकारका परस्पर अपनयन करने पर इतना होता है-६२i । पुनः इससे गुणहानिके गुणित करनेपर इतना होता है. | १६२ पुनः अधस्तन दो गुणहानियों का द्रव्य मिलाने पर इतना होता है-15।१०। । भाग देने पर
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इतना होता है।
| चार बटे सत्ताईस भागहीन चार गुणहानियों में कुछ कमकी विवक्षा न
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कर यवमध्य के प्रमाणसे सब द्रव्यके अपहृत होनेपर चार गुणहानिस्थानांतर कालके द्वारा अपहृत होता है । परमाणुपुद्गलद्रव्यप्रमाणसे सब द्रव्य कितने कालके द्वारा अपहृत होता है ? चतुर्थभागयुक्त दोसे गुणित गुणहानिके वर्गरूप कालके द्वारा अपहृत होता है, क्योंकि. परमाण प्रदेशार्थतासे सब द्रव्यके भाजित करने पर चतुर्यभागयुक्त दोसे गुणित गणहानिका वर्ग उपलब्ध होता है। (३३४४८: २५६ - १३० अर्थात ८४८४२+ F ) द्विप्रदेशीवर्गणा प्रदेशार्थताके प्रमाणसे सब द्रव्य कितने कालके द्वारा अपहृत होता है? पूर्वभागहारसे साधिक अर्धभागमात्र कालके द्वारा अपहृत होता है । यथा- परमाणुवर्गणाके अर्धभागके अर्धभागका विरलनकर सब द्रव्यको समान खण्डकर देनेपर प्रत्येक एक विरलनके प्रति द्विगुणपरमाणुवर्गणाका प्रमाण प्राप्त होता है । पुनः र ता० प्रती ' पुव्वभागहार दो अद्ध-' इति पाठः 1 For Private & Personal Use Only
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