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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ (१) इन्ट्रासेरेब्रल हेमरेज :
ब्लड प्रेशर के कारण मस्तिष्क के अंदर नलियों के फटने से हेमरेज होता है । अधिकांश यह हेमरेज मस्तिष्क के कई स्थानों पर (जैसे कि सेरेब्रम, पुटामेन, थेलेमस, सेरिबेलम) निश्चित रूप में होते हुए देखा गया है, और पेशन्ट को जाँचते ही न्यूरो-फिजिशियन को पता चल जाता है कि हेमरेज मस्तिष्क के किस भाग में हुआ है।
एमायलोईड एन्जिओपथी अधिकांश वयस्क लोगों में पाये जानेवाली बड़े मस्तिष्क के भीतर के हेमरेज की बीमारी है,जो कभी-कभी पुनः भी हो सकती है।
इन सभी हेमरेज का तात्कालिक निदान करने के बाद, I.C.U. में देखभाल शुरु की जानी चाहिए - मुख्यतः बी.पी. को नियंत्रण में लेकर मस्तिष्क के सूजन का योग्य उपचार - समयसर मिल जाए तो हेमरेज के केस में मृत्यु का प्रमाण निश्चित ही घटाया जा सकता हैं, जो वर्तमान समय में करीबन ५० से ६० % जितना ज्यादा है । कुछ मरीजो में - जिनमें छोटे मस्तिष्क में हुए हेमरेज (सेरेबेलर हेमरेज) अथवा बड़े मस्तिष्क के टेम्पोरल लोब अथवा पुटामेन में हुए हेमरेज के मामले में योग्य समय पर न्यूरोसर्जन द्वारा सर्जरी करवाने से भी जिन्दगी बचाई जा सकती है। परंतु इन सभी के लिए - रोग के प्रति जागृति, तत्काल इलाज, त्वरित उपचार और निष्णात तथा शीघ्र निर्णय ले सके ऐसे न्यूरो-फिजिशियन और न्यूरोसर्जन के साथ साथ तमाम सुविधाओं (वेन्टीलेटर मशीन, ऑपरेशन थियेटर) से परिपूर्ण अच्छा अस्पताल आवश्यक है।
चिह्न :
___काम करते हुए अचानक जोर से सिर दर्द होना, उल्टी होना, चक्कर आना, आँखो के सामने अंधेरा छा जाना (ये सभी हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण हो सकते है) । मिर्गी आना, लडखडाना, लकवा होना और क्षणभर में मरीज बेहोश होने लगे और श्वास तेजी से चलने लगे - तो ये सभी सामान्यतः ब्रईन हेमरेज के चिह्न होते है ।
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