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________________ 56 ____ मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ (३) थोडे समय के लिए बोलने या समझने में तकलीफ होना, दुविधा होना । (४) चक्कर आना, धुंधला दिखना, दुगुना दिखना, अचानक सिर दर्द होना, उल्टी-डकार आना, दोनों पैरों में कमजोरी होना, लडखडाना, अचानक क्षणिक बेहोश होना, खींच आना या गिर जाना; ऐसा कुछ मिनट-घंटे तक रहे । ऐसे लक्षण की ओर बेदरकारी भविष्य में पूरे शरीर में पक्षाघात कर सकती है, आवाज चली जाती है और मरीज़ बेहोश भी हो सकता है। जिंदगी को खतरा हो सकता है । पक्षाघात और हृदयरोग रोकने के उपाय : आर्टरीओस्क्ले रोसिस बहुत ही मंद गति से उत्तरोतर बढ़ने वाला रोग है, जिसमें आगे बताए गयें महत्वपूर्ण कारण गति तथा क्षति में बढोतरी कर सकते है । इसे रोकने के लिए पहले तो वजन का संतुलन बनाए रखे ऐसा सात्त्विक और पौष्टिक भोजन लेना चाहिए। तम्बाकु या धुम्रपान बंद कर देना चाहिए । ब्लडप्रेशर : ब्रेईन थ्रोम्बोसिस, ब्रेईन हेमरेज और हार्ट एटेक का सबसे बड़ा कारण यही है । ब्लडप्रेशर नियमित जांच करवाना चाहिए और अगर अधिक मालुम पड़े तो उचित दवाई लेकर नियंत्रित रखना चाहिए । प्रत्येक नोर्मल व्यक्ति को भी नियमित जांच करवाते रहना जरूरी है । उसमें अगर सिर दर्द, चक्कर, अंधेरा लगना, बेचेनी जैसा लगे तो जांच खास करवानी चाहिए। एक आधारभूत माहिती (नेशनल स्ट्रोक एसोसिएशन) के अनुसार प्रत्येक विजिट दौरान डॉक्टर को अपने मरीज़ का ब्लडप्रेशर देखते रहना चाहिए, भले ही मरीज़ कोई भी अन्य बीमारी के उपचार के लिए क्यों न आया हो ? ऐसा करना चिकित्सक का पवित्र फर्ज है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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