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________________ 55 5 . पक्षाघात-लकवा (पेरेलिसिस) - STROKE (११) रक्त घटकों संबंधित बीमारी, जो रक्त को घट्ट करें (१२) कु छ शारीरिक रोग जैसे कि कोलेजन डिसीज, एन्टिकार्डियोलीपिन सिन्ड्रोम (१३) चयापचय की कुछ तकलीफ जैसे कि हायपर होमोसिस्टिनेमिआ (१४) कोकेईन आदि ड्रग्स की लत उपरोक्त में से अधिकतर खतरनाक कारण पक्षाघात और हृदयरोग दोनों बीमारियों को जन्म देते है। नियमित योग्य उपचार से इन कारणों को काबू में लिया जा सकता है । इसलिए ४० वर्ष से ऊपर के प्रत्येक व्यक्ति को नियमित चिकित्सक जाँच करवानी चाहिए । परिवार में किसी सदस्य को हृदयरोग या पक्षाघात हुआ हो तो अधिक सावधानी रख कर पक्षाघात रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा पक्षाघात की बीमारी के अन्य संभवित कारणों की जानकारी जरूरी है। शरीर में संक्रमित रोगों की उपस्थिति, इलेक्ट्रोलाइट (सोडियम-पोटेशियम) की तकलीफ, हीमोग्लोबिन की कमी, वातावरण-पर्यावरण, पानी की कठोरता आदि । इन सभी कारणों के संदर्भ में वैज्ञानिक एकमतता नहीं है । एक बात यह भी ध्यान में रखनी चाहिए कि लगभग ४० प्रतिशत मरीज़ों में कोई भी महत्वपूर्ण कारण नहीं मिलता जो कि पक्षाघात (अथवा हृदयरोग) के लिये जिम्मेवार हो । पक्षाघात के चेतावनी-चिह्न (टी.आई.ए.) : (१) एक तरफ के अर्थात् आधे अंग में अशक्ति का एहसास हो, एक तरफ के हाथ-पैर काम करना बंद कर दें या सुनापन या झनझनाहट का एहसास हो । (२) थोड़ी देर के लिए एक या दोनों आंखों से कम दिखाई देना । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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