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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ ब्रेईन इश्चेमिया में मस्तिष्क के कोषों को दो प्रकार से क्षति हो सकती है । एक, रक्त की स्निग्धता बढ़ने से रक्त जम जाता है (थ्रोम्बोसिस)। दूसरा, जमा हुआ रक्त हृदय में से या अन्य स्थान से रुधिर (रक्त) में प्रवाहित हो कर मस्तिष्क की अन्य धमनी में (Artery) रुक कर रक्त परिभ्रमण को रोकता है, उसे ऐम्बोलिझम कहते हैं । लगभग २० प्रतिशत मरीजों में मस्तिष्क की नस ब्लडप्रेशर बढ जाने से या अन्य कारण से फट जाय तो भी पक्षाघात होता है, जिसे ब्रेईन हेमरेज कहते हैं ।
पक्षाघात जैसे ही लक्षण अन्य किस बीमारी में हो सकते हैं?
मस्तिष्क का संक्रमण, बेईनट्यूमर, मवाद की गांठ, मल्टिपल स्क्लेरोसिस, हिस्टीरिया, सिर का घाव आदि में एक तरफ या दोनों तरफ का पक्षाघात हो सकता है, किन्तु वह यह पक्षाघात (स्ट्रोक) से भिन्न होता है और वह अन्य लक्षणों से पहचाना जा सकता है।
पक्षाघात (स्ट्रोक) होने के जिम्मेदार खतरनाक कारण : (१) बढ़ता हुआ रक्तचाप अर्थात् हाई ब्ल्डप्रेशर (२) मधुप्रमेह अर्थात् डायाबिटीस (३) रक्त में बढ़ता हुआ चरबी (फेट) का स्तर (४) बढ़ता वजन (ओबेसिटी) (५) धूम्रपान, तम्बाकु या शराब का सेवन (६) हृदयरोग (IHD), वाल्व के रोग या अनियमित नाडी
(जैसे कि Atrial Fibrillation-AF) (७) पुराना पक्षाघात या टी.आई.ए. (८) गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन (९) संघर्षयुक्त जीवनशैली, स्ट्रेस, आरामदायक जीवन का
अतिरेक और व्यायाम की कमी (१०) वंशानुगत - जिनेटिक
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