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4. मिर्गी के दौरे (Epilepsy)
(ब) पेटिटमाल (एबसन्स) : इस प्रकार की मिर्गी में मरीज कुछ पलों के लिए क्षुब्ध, स्तब्ध, अवाचक, शून्यमनस्क और विक्षिप्त हो जाता है, जैसे कि ब्लैकआउट हो गया हो । इसके दो प्रकार है (1) Typical (2) Atypical
(क) मायोक्लोनिक सीझर : इस प्रकार की मिर्गी में मरीज को हाथ-पैर में क्षणिक झटके लगते हैं और हाथ की वस्तु गिर जाती है, मरीज होश में रहता है ।
(ड) इसके अलावा टोनिक, क्लोनिक और एटोनिक ऐसे कुछ प्रकार जनरलाईज्ड सीझर में आते हैं । (२) पार्सियल सीझर के दो उप प्रकार :
(अ) सिम्पल पार्शियल सीझर : इस प्रकार में मरीज चेतन अवस्था में होता है और शरीर का एक तरफ का अंग खिंचता है अथवा झनझनाहट होती है, आदि । |
__ (ब) कोम्प्लेक्स पार्शियल सीझर : जब सिम्पल पार्शियल सीजर जैसे लक्षणों के साथ मरीज क्षणिक होश भी खो दे, तो उसे कोम्प्लेक्स पार्सियल सीझर कहते हैं । इस प्रकार में मरीज क्षण भर के लिए होश गंवा देता है, तो कभी विचित्र व्यवहार करता है और फिर तुरंत होश में आ जाता है । इस परिस्थिति को छोटी मिर्गी भी कहते है। (३) अनिर्णित (Unclassified) (४) स्टेटस एपीलेप्टीकस (Status epilepticus - continuous
seizures) जब मरीज़ को मिर्गी के दौरे लगातार आधे घंटे से भी ज्यादा समय तक चालू रहे या बारबार आते मिर्गी के दौरे के बीच दर्दी बेहोश रहे, उस गंभीर परिस्थिति को स्टेट्स एपीलेप्टीकस कहते है। ये मेडिकल इमरजन्सी है । दर्दी को तत्काल नजदीक
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