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________________ 31 3 - मूर्छा (Coma) (६) पोषण की कमी या डिहाईड्रेशन होने से भी कोमा हो सकता है । शरीर के उपयोगी तत्व जैसे कि विटामिन बी-१, बी-१२ आदि द्रव्य बहुत कम होने से भी कोमा हो सकता है । सोडियम घटने से होनेवाले कोमा को हाइपोनेट्रीमिक कोमा कहा जाता है । (७) होर्मोन्स असंतुलन : थाईरोइड, पेराथाईरोइड, अड्रिनल, पिट्यूईटरी ग्रंथियों में से होर्मोनस्राव बढ़ने घटने से कोमा हो सकता है I ( ८ ) मिर्गी : एपिलेप्सी (वाई) के एक से अधिक हमले के बाद । (९) अल्जाईमर डिसीझ : अंतिम स्टेज में रोग प्रवेश करने के दौरान । (१०) जहर ( पोईझन ) : आत्महत्या या हत्या के लिये उपयोग होनेवाला ओ. पी. पोइझनींग या भारी धातुएँ (हेवी मेटल्स) जैसे कि आर्सेनिक, लेड, पारा, नींद की गोलियों का ओवरडोझ । ( ११ ) नशीलें द्रव्य : मदिरा, हेरोईन, तंबाकु आदि । (१२) साइकोजेनिक कोमा: इसमें मरीज हकीकत में कोमा में नहीं होता Glassgow Coma Scale : सन् १९७४ में डॉ. टेसड़ेल और डॉ. जेनेट ने ग्लासगो नामक शहर में मरीज की जागृकता ( बेहोशी) का मापदंड नक्की करने के लिए ग्लासगो कोमा स्केल नामक सर्व स्वीकृत पद्धति का आविष्कार किया । जिसमें मूलभूत तीन संज्ञाओं का विश्लेषण किया गया है । जो इस प्रकार है : १. आँखों का प्रतिभाव २. ३. हलनचलन का प्रतिभाव वाचा का प्रतिभाव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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