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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ से नहीं लेने की खास सलाह है । आधुनिक जीवन की व्यस्तता और तनाव के कारण बढ़ता हुआ ब्लडप्रेशर, डायाबिटीस तथा सड़क दुर्घटना की वजह से, संक्रमण होने से, गांठ तथा अन्य अनेक कारणों से कोमा कभी भी, किसी को भी हो सकता है । • कारण - सूचि : (१) सड़क दुर्घटना : ब्रेइन ट्रोमा (मस्तिष्क का) : कन्कशन,
कन्ट्यूझन, हेमरेज (सबड्यूरल, एक्स्ट्राड्यूरल) (२) मस्तिष्क में रक्त के परिभ्रमण के रोग : थ्रोम्बोसिस
(धमनी या शिरा में रक्त जम जाना) एम्बोलिझम, हेमरेज,
सब-एरेकनोईड हेमरेज । (३) मस्तिष्क के संक्रमित रोग या इन्फेक्शन : जहरी (विषम)
मलेरीया, मेनिन्जाइटिस, टी.बी., वायरस एन्सेफेलाइटिस, एईड्स एवम् अन्य ओपोर्युनिस्टिक (तक मिलते होनेवाले) रोग,
फन्गस, पेरेसाइट इन्फेक्शन, सिफिलिस आदि । । ब्रेईन ट्यूमर : केन्सर की (प्राईमरी या सेकन्डरी) गांठ जैसे
कि ग्लायोमा या मेटास्टेसिस; साधारण गांठ जैसे कि मेनिन्जिओमा; इन सब में सिर दर्द, चक्कर आना, मिर्गीके दौरे, उल्टी होना, एक या दोनों तरफ के अंगो में पक्षाघात का असर होना जैसे चिह्न होते हैं । डोक्टरी जाँच और सी.टी. स्केनएम.आर.आई. द्वारा पूर्ण निदान हो सकता है । मेटाबोलिक रोग : जिसमें डायाबिटिक कोमा आदि मुख्य है। इसमें मरीज की जीवनशैली, मानसिक तनाव और व्यस्तता आदि प्रमुख भूमिका निभाते हैं । ऑक्सिजन की कमी, शरीर में शर्करा का अनियंत्रित प्रमाण (बढना-घटना), लिवर, किडनी
और श्वास के रोग आदि से विभिन्न अंगो की कार्यक्षमता को विपरीत असर होने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता कम हो जाती है और मरीज कोमा में चला जाता है ।
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