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________________ ___मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र के कारण एम.आर.आई. कमरे में घडी, क्रेडिट कार्ड, पेन, मोबाईल और अंगूठी जैसी धातु की चीजों के साथ प्रवेश करना निषेध है । जिनके हृदय में पेसमेकर लगा हो या शरीर में ऐसा कोई इलेक्ट्रोनिक उपकरण लगा हो, उनका एम.आर.आई. नहीं किया जा सकता है । नये संशोधन के परिणामस्वरूप Diffusion और Perfusion एम.आर.आई. सहज बना है । यह वजह से मस्तिष्क के जिस हिस्से में रक्त का परिभ्रमण कम हो, उसका मिनटों में ही शीघ्रता से निदान हो सकता है और तात्कालिक उपचार से पक्षाघात जैसी बीमारी से बचा जा सकता है। फंक्शनल एम.आर.आई. (f.M.R...) एक ऐसा नया संशोधन है कि जिससे मस्तिष्क में होती हल-चल, याददास्त, वाणीशक्ति और संवेदनाएँ आदि के उत्पत्तिस्थान को हम वर्गीकृत कर सकते है । इसका महत्वपूर्ण लाभ सर्जरी और रेडियोथेरेपी के प्लानिंग में होता है । इस उत्त्पतिस्थानों को बचा कर सर्जरी करने से मरीज को कायमी विकलांगता से बचाया जा सकता है। एम.आर.आई. का खर्च सामान्यतः रु. ५००० से ७००० तक होता है और अब भारत के बड़े शहरों में एम.आर.आई. की सुविधा उपलब्ध है। • एन्जियोग्राफी ( Angiography) एन्जियोग्राफी अर्थात् रक्त ले जाने वाली शिरा और धमनीओं की जाँच । हृदय की एन्जियोग्राफी से सामान्यतः प्रत्येक व्यक्ति परिचित होता है । मस्तिष्क की नलियों की भी इस प्रकार से जाँच की जाती मस्तिष्क के अनेक रोग, जिनमें रक्त की नली कठिन (Thick) हो जाना, या इसकी दिवाल में क्षार जमा होना, नली का बलून हो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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