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2- मस्तिष्क की रेडियोलोजी की जाँच (Neuroradiology)
एम.आर.आई. जांच दौरान मशीन के ग्रेडियन्ट्स की आवाज आती रहती है; लेकिन कान में रूई, इयर प्लग या इयर फोन के उपयोग से वह कम लगती है । कई बार इस कमरे में संगीत भी रखा जाता है । कुछ मरीज बंद नलाकार में सोने से गभराते है, जिसे क्लोस्ट्रोफोबिया (Claustrophobia ) कहते हैं । ऐसे मरीज को नींद की दवाई दी जाती है । नये संशोधन अनुसार एम. आर. आई. मशीन के मेग्नेट की डिजाइन खुली होती है ( ओपन मेग्नेट) जिससे घबड़ाहट कम होती है । एम.आर.आई. में भी कुछ रोगों के लक्षण जानने के लिए खास दवाई (Contrast) दी जाती है, जिसका दुष्प्रभाव बहुत कम होता है ।
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एम.आर.आई. की जाँच सी.
टी. स्केन की तुलना में उच्च स्तर कि होती है । पहली बात यह है कि यहां एक्स-रे का उपयोग होता नहीं है। गर्भावस्था दौरान की यह जाँच सी.टी. स्केन से बहुत कम नुकसान कारक होती है । सी.टी. स्केन के संदर्भ में हमने आगे देखा कि उसमें केवल तिरछे (Axial), ब्रेड की स्लाइस जैसे कट्स मिलते हैं, जबकि एम. आर. आई. में त्रिपरिमाणिय (x, y और z) अर्थात् संपूर्ण घनत्व की जानकारी मिलती है । एम. आर. आई. से करोडरज्जुस्पाईनलकोर्ड अति बारीकी से देखी जा सकती है । अत्यंत
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करोडरज्जु की एम. आर. आई.
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