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2 - मस्तिष्क की रेडियोलोजी की जाँच (Neuroradiology)
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जाना (Aneurysm ), नलियों का उलझना (A.V. Malformation) आदि के निदान के लिए डिजिटल सबस्ट्रेक्शन एन्जियोग्राफी (DSA) तकनिक से मस्तिष्क की एन्जियोग्राफी होती है । सबसे पहले जांघ में रही रक्त धमनी में नली (के थेटर) रखी जाती है, जिसे रक्त के प्रवाह के साथ आगे बढाया जाता है। एक्स-रे और कम्प्यूटर मोनिटर की सहाय से उसे मस्तिष्क की नली तक पहुंचाया जाता है । उसके पश्चात उसमें विशेष प्रकार की दवाई (कोन्ट्रास्ट मीडियम Contrast dye) इंजेक्शन द्वारा दी जाती है। यह दवाई जैसे जैसे आगे बढ़ती है, वैसे जीवंत प्रसारण की तरह उसकी जांच होती है । जरूरत पड़ने पर अलगअलग कोने से एक्स-रे द्वारा धमनियों को सरलता से देखा जा सकता है । डिजिटल सबस्ट्रेक्शन एन्जियोग्राफी में प्रथम मस्तिष्क की छबी, एक्स-रे लेते है । उसके पश्चात दवाई (Contrast) देने के बाद एक्स-रे लिया जाता है । इस प्रकार मस्तक और मस्तिष्क के विविध भाग की छबी ली जाती है, तथा उसके पश्चात नलिकाओं की तुलनापूर्वक बारीकी से जांच करके निदान किया जाता है।
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मस्तिष्क को रक्त पहुंचानेवाली गले में से पसार होती धमनी (केरोटिड आर्टरी) कठिन (Thick ) होती हो या उसमें क्षार जमा हो जाए तो उसे बलून की सहाय से फुला कर यह क्षार तोडा जा सकता है, जिसे केरोटिड अन्जियोप्लास्टी कहते है ।
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हृदय की एन्जियोग्राफी की तरह मस्तिष्क की एन्जियोग्राफी में भी कुछ सामान्य मगर अनिवार्य खतरा होता है, परंतु इस खतरे का भी उपचार हो सकता है । किसी खतरे के बिना भी नलियों की जांच की जा सकती है । जैसे कि कलर डोपलर, सी. टी. एन्जियोग्राफी, एम.आर.आई. एन्जियोग्राफी, इनसे उपलब्ध जानकारी DSA की तुलना
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