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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ
Gantry
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सी. टी. स्केन मशीन
मस्तिष्क के रोग, जैसे कि गांठ और संक्रमण में खास तरह की दवाई (Contrast Agent) रक्तवाहिनी में सुई से दी जाती है । इससे बीमारी के दौरान रक्त के परिभ्रमण का पता भी चल सकता है। यह आयोडीनयुक्त (lodinised Contrast) दवाई जब रक्तवाहिनी द्वारा दी जाती है तब अधिकतर शरीर में गरमी लगने का या उल्टी होने का एहसास होता है । परंतु एक या दो मिनट में अपने आप सब ठीक हो जाता है । इसलिये Contrast C.T. Scan के लिये सामान्यतः ३ घंटे तक खाली पेट रहने की सलाह दी जाती है। मरीज को एलर्जी, अस्थमा, किडनी या थाइरोईड की तकलीफ हो उसे रिएक्शन होने की सम्भावना रहती है। ऐसे केस में नोन-आयोनिक डाई के उपयोग से रिएक्शन रोका जा सकता है। गर्भवती महिला को अपनी स्थिति डॉक्टर को पहले से बताना जरूरी है। सी. टी. स्केन का रेडियेशन के सिवाय कोई खास दुष्प्रभाव नहीं होता, इसलिए मरीजों के मित्रों या संबंधियों को सी. टी. रूम में उपस्थित नहीं रहने देते है.और मरीज के शरीर के अन्य अंगों को पूरी तरह से ढाँका जाता हैं ।
सी.टी. स्केन अब मस्तिष्क का प्राथमिक जांच का माध्यम बन गया है । भारत के जिले स्तर के लगभग हर शहर में यह सुविधा उपलब्ध है । सामान्यतः एक बार सी.टी. स्केन करवाने पर लगभग रू. १५०० से २००० तक खर्च आता है ।
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