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________________ मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ • सी.टी. स्केन (C. T. Scan) : एक्स-रे का उपयोग शरीर के विभिन्न अवयवों का चित्र प्राप्त करने हेतु किया जाता है । लेकिन हमारी चर्चा मस्तिष्क के रोगों में एक्स-रे आदि के उपयोग संदर्भ में है । हमने पिछले प्रकरण में देखा कि मस्तिष्क खोपडी में सुरक्षित रूप से है । जिससे सामान्य एक्स-रे द्वारा हमारी खोपडी के बाहरी आवरण की जानकारी मिल सकती है। मगर मस्तिष्क के अंदर के भाग और संरचना आदि की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकती। इस समस्या का हल ब्रिटिश वैज्ञानिक होंसफिल्ड द्वारा बनाई गई सी. टी. स्केन मशीन से हुआ। सी.टी.स्केन (C.T. Scan) या केट स्केन अर्थात् कोम्प्यूटेड एक्षिअल टोमोग्राफी (Computed Axial Tomography). सी.टी.स्केन में भी एक्स-रे का ही उपयोग होता है, परंतु यहाँ कम्प्यूटर की मदद से त्रिपरिमाणिय गिनती द्वारा शरीर के प्रत्येक अंग और उसके घटक का चित्र (छबी) लिया जा सकता है। मस्तिष्क के अंदर गांठ कहाँ है, यह जानने के लिए मस्तिष्क का ब्रेड की स्लाईस जैसे काल्पनिक हिस्से करके हर एक हिस्से का विविध कोने से एक्सरे लिया जाता है । उसके बाद कम्प्यूटर की मदद से गिनती करके मस्तिष्क का त्रिपरिमाणिय (थ्री-डाइमेन्शनल) चित्र तैयार किया जा सकता है, जिससे गाँठ की गहराई और कद आदि निश्चित तरीके से जाने जा सकते है । इस प्रकार सी. टी. स्केन द्वारा मस्तिष्क के भीतर हो रही सूक्ष्म क्षति-खराबी का भी पता चल सकता है । सी. टी. स्केन की मदद से छबी किस प्रकार ली जाती है, वह निर्दिष्ट चित्र द्वारा समझा जा सकता है । • सी. टी. स्केन मशीन सी. टी. स्केन की मशीन घनाकार (Cubical) बक्से की तरह होती है, जिसे गेन्ट्री (Gantry) कहा जाता है। इस घनाकार के बीच में वर्तुलाकार टनल जैसा करीबन-२ फिट जितना हिस्सा होता है । मरीज को उपर-नीचे, दायें-बायें, आगे-पीछे हो सके वैसे स्ट्रेचर जैसे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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