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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ थीटा तरंग ४ से ७ Hz कभी-कभी टेम्पोरल भाग में मिलती है, और बच्चों में वह अधिक विकसित होती है । डेल्टा एक्टिविटी - यह वयस्क व्यक्ति में जागृत अवस्था में हमेशा एबनोर्मल होता है और कभी-कभी निद्रा में वह बच्चों में देखा जाता है । ऐसे तो सामान्यतः डेल्टा प्रक्रिया मस्तिष्क की किसी बीमारी की निशानी होती है।
जिनको विवरण पसंद है, उनके लिए निम्न गद्यांश काफी रसप्रद रहेगा। प्राथमिक घटक - चेताकोष और चेताओं का संयोजन
जैसे कि बताया गया है, चेतातंत्र में मस्तिष्क, करोड़रज्जु, उसमें से निकलने वाली चेताएँ और स्नायुओं को संदेशा पहुंचाने वाली नसों का समावेश होता है (Central and Peripheral Nervous System)। मनुष्य के मस्तिष्क का वजन लगभग १२०० से १४०० ग्राम है, परंतु उसमें लगभग १०० अरब चेतकोषिकाएँ होती है। चेतकोषिकाओं की संख्या भले ही आकाशगंगा में रहे तारों जितनी हो, लेकिन सिर्फ वोही मस्तिष्क की जटिलता को दर्शाती नहीं है । इस जटिलता में चेताकोषों की विविधता का भी महत्वपूर्ण योगदान है, जिसके बारे में प्रसिद्ध न्यूराएनेटोमिस्ट रेमन वाय. केजल ने सही ही कहा है कि “the mysterious butterflies" |
चेतकोषिका मस्तिष्क का प्राथमिक घटक है । चेतकोषिका के तीन मुख्य भाग है - कोष और कोषकेन्द्र, डेन्ड्राईट्स - जो अन्य चेताकोषिकाओं से संदेशा लाते हैं और एक्झोन - जो अन्य चेताकोषिकाओं को संदेश पहुँचाते है। न्यूरोन उत्तेजित
होकर विद्युतीय तरंगों द्वारा दूसरे न्यूरोन्स Cell Body | को संदेश पहुँचाते है, जिसे एक्शन
पोटेन्शियल कहते है। यह संदेश तरंगो की तरह एक्झोन पर आगे बढते है और दो कोषों के बीच के जोड़ - सायनेप्स
Dendrites
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