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________________ 24 - दीर्घ समय तक उपयोग की जाने वाली न्यूरोलोजी की दवाई संबंधित माहिती 269 है, जिससे करीबन २ से ३ प्रतिशत केस में श्वेतकण कम हो जाने की गंभीर समस्या होती है। विशेषतः एलर्जी, पेट में तकलीफ और दस्त आदि हो सकते है । I इसी कारण, टीक्लोपिडीन की जगह आजकल क्लोपीडोग्रेल नामक दवाने ले ली है । जो मरीज दुष्प्रभाव के कारण एस्पीरीन नहि ले सकते हैं अथवा एस्पीरीन के उपरांत एक और दवाई की जरुरत दिखती हो तो क्लोपीडोग्रेल का उपयोग किया जाता है । इसके अलावा कुछ खास संजोग में ओरल एन्टिकोएग्युलन्ट (वोरफेरीन, एसिट्रोम) दवाई भी रक्त पतला करने के लिए दी जाती हैं। मरीज का Prothrombin Time यह दवाई देने से पहेले लिया जाता है । उसके बाद हर २-३ दिन पर Prothrombin Time (ब्लड टेस्ट) करवा कर रक्त सही मात्रा में पतला हुआ है वह जांचा जाता है । रक्त अधिक मात्रा में पतला होने से Prothrombin Time जरुरत से ज्यादा बढ़ जाता हैं और कभी कभार तो गंभीर प्रकार का हेमरेज भी हो सकता है, दवाई की जो मात्रा तय होती है वह मात्रा में मरीज को दवाई नियमित लेने का कहा जाता है। डॉक्टर की सूचना अनुसार Prothrombin Time कराते रहना होता है । किसी भी प्रकार की ब्लिडींग हो तो दवाई बंध करनी पड़ती है । (२) सिरदर्द माइग्रेन की दवाई : 1 माईग्रेन रोकने में तथा ब्लडप्रेशर इत्यादि में बहुत उपयोग होने वाली बीटाब्लोकर दवाई प्रोप्रेनोलोल (Propranolol ) (इन्डिराल, सिप्लार) दम के मरीज़ो को दिया जाए तो दम का हमला हो सकता है । कभी ब्लडप्रेशर कम हो जाता है, नाड़ी की धड़कन कम हो जाती है। अधिक मात्रा में लंबे समय तक लेने से पुरुषो में नपुंसकता आ सकती है और पैर की नसो में रक्त का परिभ्रमण कम हो सकता है । इसके उपरांत अन्य असर भी डॉक्टर को देखनी होती है । माईग्रेन में उपयोग होने वाली अन्य असरकारक दवाई फ्लूनारिझिन (Flunarizine ) है। इसके लंबे समय तक प्रयोग से डिप्रेशन, पार्किन्सोनिझम हो सकता है। वज़न बढ़े, बाल झरे तथा महिलाओं में मासिक अनियमित हो सकता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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