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________________ . . मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ आठ नंबर की रग (vestibulocochlear) वेस्टीब्युलो कोकलीअर है । उसे क्षति पहुँचे तो बहरापन अथवा शरीर के असंतुलन की बीमारी होती है। वर्टिगो (चक्कर आना) सामान्यत: उस चेता में होनेवाली गडबड से होता है । नव और दस नंबर की रग को क्रमशः (Glossopharyngeal) ग्लोसोफेरिन्जीअल और वेगस (Vagus) कहा जाता है, जिसका मुख्य काम खुराक को निगलना और स्वरपेटी के स्नायुओं को योग्य ढंग से कार्यरत करना है। मुख्यतः वेगस नस शरीर की अनेक अनैच्छिक क्रियाओं पर नियंत्रण करती है, उस वजह से वह Autonomic nervous system का महत्वपूर्ण अंग है । ग्यारह नंबर की रग गले के स्वैच्छिक स्नायुओं पर नियंत्रण करती है, जब की बारह नंबर की Hypoglossal (हायपोग्लोसल) Nerve जिह्वा के स्नायुओं का योग्य हलनचलन करती है ।। यह बारह रगें मस्तिष्क में योग्य और निश्चित स्थान से निकलती है और नियत मुकाम पर पहुँचती है। जो रग संवेदना वहन करती है, उसे Sensory nerve कहते है और वह निश्चित अंग (जैसे कि कान - आँख) में से निकलकर मस्तिष्क में पहुँचती है । जबकि मस्तिष्क में से जो आज्ञा स्नायुओं पर ले जाती है (जैसे कि आँख के स्नायु, मुँह के स्नायु) उसे motor nerve कहा जाता है । ___शरीर के हलन-चलन की गतिविधियाँ तीन चेतासमूह (Systems) से होती है । जो चेप्टर ८ में विस्तृत तरीके से बताई गई है । मस्तिष्क को एनेटोमी (शारीरिक रचना) की दृष्टि से समझने के बाद उसकी विशेषताओं के बारे में जाने । यह विशेषता ही मानव को सभी प्राणियों में सर्वोपरि बनाती है। मस्तिष्क के कोषो में एक प्रकार का सूक्ष्म विद्युतप्रवाह निकलता रहता है जिसमें एक सातत्य होता है, लय होती है । यह एक विद्युतकीय प्रक्रिया है । ___ यह प्रवाह रासायनिक ढंग से एक कोष में से दूसरे कोष में पहुँचता है और संपूर्ण नर्वस सिस्टम में न्यूरोट्रान्समीटर और रिसेप्टर का Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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