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1 - चेतातंत्र संबंधित प्रारंभिक माहिती (Information about Nervous System) 7 मस्तिष्क में से प्रत्येक बाजु से बारह (यानि की बारह जोड़) चेता-रग (Nerves) निकलती है । उसे क्रेनीअल नर्स (Cranial Nerves) कहा जाता है । वह अत्यंत महत्वपूर्ण काम करती है । जैसे की गंध, द्रष्टि, चहेरे के स्नायु और जिव्हा का हलनचलन इत्यादि । प्रथम चेता को olfactory nerve कहते है, जो गंध संबंधित जानकारी मस्तिष्क को देती है ।
दूसरी चेता को optic nerve कहा जाता है, जो द्रष्टि संबंधी ज्ञान मस्तिष्क को पहुँचाती है । और उसका उद्भव स्थान आँख की रेटिना (परदा) है । उसे नुकसान हो तो द्रष्टि की बीमारी होती है, अंधत्व भी आ सकता है।
तीन, चार और छह: नंबर की चेता को क्रमशः ओक्युलोमोटर (Oculomotor), ट्रोकलीअर (Trochlear) और एब्डयुसन्स (Abducens) कहा जाता है । यह तीन चेताएँ आँख की गोटीओं को घुमानेवाले स्नायुओं को चेतान्वित करती है । जिनमें से एक भी नस को असर हो तो आँख तिरछी टेढी हो जाती है और एक के बदले दो-दो (डबल) द्रश्य दिखाई दे ऐसा भी हो सकता हैं ।
पांच नंबर की चेता को ट्राइजेमिनल (Trigeminal ) कहा जाता है, उसके काम में तकलीफ हो तो मुँह - जबड़े के स्नायु कमजोर हो जाते है अथवा मस्तिष्क पर की संवेदना का योग्य पृथक्करण नहीं होता है या अत्यंत वेदना होती है । उसे ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिआ कहा जाता है, (देखें प्रकरण ७) । जिह्वा पर से स्वाद की जानकारी इस नस के तहत मस्तिष्क को पहुँचती है । सात नंबर की चेता को फेसियल (Facial) नर्व कहा जाता है । उसका लकवा हो तो मुँह टेढा हो जाता है । उस तरफ की आँख बंद नहीं हो सकती है । इस प्रचलित बीमारी को 'बेल्स पाल्सी' (Bell's Palsy) के नामसे जाना जाता है ।
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