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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ टेनिस या टेबलटेनिस या बेडमिन्टन की गेम खेलो । मित्र को पत्र लिखें या उसे फोन करें (phone a friend) या उसके साथ भोजन लो । कोई शौक की चीज या कला-कारीगरी (क्राफ्ट) के लिए समय निकालो। दिन में दो बार १० से १५ मिनट प्रार्थना करो । यह एक अद्भुत विधि है, जिसमें मन को संपूर्णतः स्वस्थ रखने की ताकत है। समस्याओं के बारे में ज्यादा मत सोचो, उसका हल क्या हो सकता है उस पर अपनी सोच केन्द्रित करो ।। मानद् सेवा जैसी सामाजिक प्रवृत्ति करें, अनाथ आश्रम के लिए समय निकाले, मित्र या सगे-संबंधियों से मिलने जाएँ । कोई अच्छे ग्रूप में सदस्य बनें। चलचित्र या नाटक देखने जाओ । अच्छी पुस्तकें या सामयिक पढ़ें, सत्संगी सज्जनों को मिलें। धार्मिक पठन करें। बच्चों के साथ १५-३० मिनट खेलने जैसा उत्तम और निर्दोष आनंद कहां मिलेगा ? बच्चों जैसे बनकर उनके साथ खेलो। संग्रहालय (म्युजियम)-आर्ट गेलेरी में जाएँ । मसाज, फेशियल, बबलबाथ या स्टीमबाथ लें । फोन साईड में रखकर, खिड़कियाँ बंध कर, लाईट तथा आंखे बंध करके संगीत सुनें । इस समय फोन की घंटी बजे तो उठाए नहीं, आन्सरिंग मशीन का उपयोग करें। मन का अभिगम अर्थात् Attitude सुधारें, उसे हकारात्मक और समाधानकारी बनायें । यह गुरुमंत्र है। योग्य पठन, सत्संग और मनन से ही अभिगम बदला जाता है और ऐसा हो तो कोई भी परिस्थिति में स्वस्थता रहेगी।
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