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22 - तनाव-टेन्शन (Stress) • उपसंहार :
स्ट्रेस के दौरान कोई भी निर्णय जल्दबाजी में-अचानक मत करो । तात्कालिक बिना सोचे निर्णय न करें, शवासन करें। संपूर्ण आराम और गहरे श्वास शायद श्रेष्ठ उपाय है । संभव हो तो उस दौरान प्रेक्षाध्यान, प्रोग्रेसिव रिलेक्सेशन या योगनिद्रा सीख कर उसका अभ्यास करें। अचानक स्ट्रेस किसी व्यक्ति या जगह के कारण हुआ हो तो उस व्यक्ति या स्थान को छोड़ कर दूर चले जाओ। मंदिर में, मित्र के वहाँ जाएँ । दर्पण में अपना प्रतिबिंब देखो। गुस्से से प्रतिभाव न दो । गुस्सा आये तो १ से १० तक गिनती करो, यह एक सिद्ध प्रयोग है। इससे गुस्सा दूर हो जाएगा। उस क्षण को सावधानीपूर्वक लेना ही महत्वपूर्ण है। कुछ मिनट के बाद स्ट्रेस शांत हो जाएगा । संभव हो तो ध्यान करो । संक्षिप्त में यह कहा जा सकता है कि जिससे स्ट्रेस होता हो उन संयोगों या उन व्यक्तियों से दूर रहो, और मनकी गलत प्रत्याघात देनेवाली वृत्ति को शांत करो । शुभ ध्यान में, शुभ प्रवृत्ति में और अच्छे विचारों में अपने आपको जोड़ देने की कला हस्तगत करनी चाहिए। प्रत्येक क्षण जाग्रत रह कर आनंद से जीना सीखना चाहिए।
प्रतिदिन की जीवनशैली में प्रार्थना, ध्यान, योग, व्यायाम और प्राणायाम नियमित कर देना चाहिए । सात्त्विक-पौष्टिक आहार, फलफलादि नियमित लेने चाहिए । जीवनशैली और अपने आपका अभिगम (Attitude) बदलने से स्ट्रेस अवश्य ही कम हो जाएगा और स्ट्रेस की परिस्थिति पैदा हो तो भी उसका सामना करने की क्षमता अवश्य ही बढ़ेगी।
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