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________________ 19 - न्यूरोपथी (Neuropathy) 223 -(सुखियाँ • मस्तिष्क और करोडरज्जु में से निकल कर चहरे, गर्दन तथा अन्य स्नायुओं तक संदेशा ले जानेवाली तथा अन्य संवेदनशील अंगों से करोडरज्जु और मस्तिष्क की ओर संवेदना लानेवाली नसों, चेताओं के रोगों को पेरिफेरल न्यूरोपथी कहते है। • मोनोन्यूरोपथी में एक अथवा अधिक विभिन्न नसो की कार्यशक्ति बिगडती है, जबकि पोलीन्यूरोपथी में शरीर के दोनों तरफ बराबर प्रमाण में संवेदन कम होता है। यह दो प्रकार की है, एक्झोनल न्यूरोपथी और डिमायलिनेटिंग न्यूरोपथी। • ए.आई.डी.पी. को गुलियन बारे सिन्ड्रोम भी कहा जाता है। इसमें मरीज़ के ज्ञानतंतु की कमजोरी के कारण पैर में झुनझुनी होती है, बाद में हाथ पैर का पक्षाघात और श्वासोच्छवास में मुश्किल होती है । ए.आई.डी.पी. में प्लाझमा फेरेसीस नामक पद्धति से मरीज़ का रक्त शुद्ध किया जाता है और गामाग्लोब्युलिन की मदद से बहुत राहत होती है। • जब यह रोग लंबा चलता है तो उसे सी.आई.डी.पी. कहते • सिर्फ मुंह के स्नायुओं के पक्षाघात को बेल्स पाल्सी कहते • डायाबिटीस के मरीज़ को लंबे समय के बाद होनेवाली न्यूरोपथी को डायाबिटीक न्यूरोपथी कहते है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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