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________________ 204 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ लेकिन अगर बीमारी नियंत्रण में आयें तो सुधार भी अत्यंत अच्छा. होता है। ADEM की ट्रीटमेन्ट में "high potency steroids" का प्रयोग करना चाहिए । कोई खराब केस में प्लाज़मा एक्षचेन्ज अथवा अतिशय महँगे ऐसे इम्युनोग्लोब्युलिन दे सकते हैं जिससे जिंदगी बचने के उदाहरण मौजूद है। सुर्खियाँ मस्तिष्क में व्हाइट मेटर की अनियमितता से होनेवाले डिमायलिनेटिंग डिसीझ में मल्टिपल स्क्लेरोसिस मुख्य है । • यह रोग का प्रमाण स्त्रीओं में पुरुषों से ज्यादा होता है । इस रोग में पक्षाघात होता है, दृष्टि में कमी आती है या डबल दिखता है । शरीर के कुछ हिस्सो में संवेदना लुप्त होना, शरीर का असंतुलन होना, याददास्त कम होना, डिप्रेशन आना वगैरह यह रोग के अन्य लक्षण है । कभीकभी यह रोग में बार-बार हमले आते हैं (RRMS) या शुरू होने बाद हमेशा के लिए बढ़ता जाता है (PPMS) I • कुछ सालों पहले तक असाध्य समझी जानेवाली यह बीमारी के उपचार में आधुनिक चिकित्सा विज्ञानने आंशिक सफलता प्राप्त की है । • कभी कोई वायरस के संक्रमण के बाद ADEM नामकी न्युरोलोजिकल बीमारी हो सकती है । चेचक या रेबीस के टीके के बाद भी यह बीमारी हो सकती है । हाईपोटेन्सी स्टीरोईड के इस्तेमाल से ADEM में अच्छा परिणाम मिलता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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