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17- मल्टिपल स्क्लेरोसिस ( Multiple Sclerosis)
चिह्न
(१) एन्सेफेलाइटिस प्रकार की यह बीमारी में तीव्र बेचैनी, असमंजस, अधिक मात्रा में नींद और मिर्गी आ सकती है। साथ ही सिर दर्द, बुखार आना इत्यादि होता है । असंतुलन होता है और झटके भी आते है । गंभीर केसो में होश - सतर्कता कम हो जाती है मरीज बेहोश हो जाता है और बाद में श्वास की लयबद्धता चली जाती है ।
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(२) मायलाईटिक प्रकार की बीमारी में करोड़रज्जु से संबंधित चिह्न होते हैं, उसे Postinfective Myelitis या Transverse Myelitis कहते हैं । उसमें दोनों हाथ-पैर का कमज़ोर होना, संवेदना का कम होना और मल-मूत्र रुक जाना समाविष्ट है ।
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Measles, Mumps के वायरस में त्वचा पर चाठे ( rash) पड़ना मुख्य है। उसके २-४ दिनों के बाद ADEM बीमारी होती है और बच्चे को दुबारा बुखार, मिर्गी आती है और बेहोश हो जाता है । Measles, Mumps के बाद छोटे मस्तिष्क की बीमारियाँ अधिक देखने को मिलती हैं। इसमें शारीरिक संतुलन बिगड़ता है। अन्य कई वायरस (जैसे कि एप्स्टीनबार, मायकोप्लाज़मा) के पश्चात् भी ऐसी बीमारी हो सकती है । जिसमें छोटे मस्तिष्क संबंधित मुख्य चिह्न होते हैं । यह बीमारी छोटे मस्तिष्क में संक्रमित वायरस से होने वाली बीमारी से अलग है (Viral Cerebellitis )। यह जान लेना चाहिए क्योंकि यहाँ पर वायरस से होने वाली एलर्जी इस बीमारी का मुख्य कारण है ।
आगे बताए अनुसार रेबीज़ अथवा चेचक के टीके के बाद भी ऐसी एन्सेफेलोमायलाइटिस प्रकार की बीमारी हो सकती है । रेबीज़ के टीके (सीरम) में हर ७५० में से एक व्यक्ति को ऐसी एलर्जी हो सकती है और ऐसा होने से उनमें से २५ % व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है । रेबीज़ के नए टीके के प्रयोग से न्यूरोलोजिकल चिह्न नहीं दिखते। इस कारण HDCV प्रकार का रेबीज़ का टीका प्रयोग में लाना चाहिए ।
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