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________________ 17 - मल्टिपल स्क्ले रोसिस (Multiple sclerosis) 199 (iii) Secondary Progressive Multiple Sclerosis - SPMS : RRMS की तरह शुरू होने वाली यह बीमारी के लक्षण थोडे समय के बाद कायमी बढ़ने वाली (progressive) बीमारी के रूप में परिवर्तित हो जाते है । • बीमारी का निदान : उपर्युक्त लक्षण मुख्यतः द्रष्टि संबंधित अथवा पक्षाघात या संतुलन संबंधित दिखें तो फिजिशियन/न्यूरोलोजिस्ट का संपर्क करना अति महत्त्वपूर्ण हैं। बीमारी की जाँच में रक्त की कुछ जाँच के उपरांत मुख्यतः मेग्नेटिक रेसोनन्स इमेजिंग (एम.आर.आई.) की आवश्यकता रहती हैं। आँख की जांच मल्टिपल स्कलेरोसिस (Fundoscopy) से रेटिना में लाक्षणिक फिकापन देखा जाता है। इसके उपरांत सी.एस.एफ. (लम्बर पंक्चर) जाँच की भी खूब जरूरत पड़ती है। सी.एस.एफ. में कोषों की संख्या में बढ़ोत्तरी के मुकाबले प्रोटीन की मात्रा ज्यादा पाई जाती है और उसमें भी इम्युनोग्लोब्युलिन (IgG) मुख्यत: बढ़ता है । ओलीगोक्लोनल बेन्ड दिखता है और मायलिन बेसिक प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है । कुछ विशिष्ट केसो में CSF एन्टी एन.एम.ओ. एन्टीबॉडी की भी जाँच की जाती है । VE.P., S.S.E.P., B.E.R.A. जाँच निदान के समर्थन में बहुत सहायक सिद्ध होती हैं। तबीबी शारीरिक जाँच और उपर बताई गई जाँच द्वारा बीमारी का निदान सही ढंग से हो सकता है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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