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________________ 198 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ इस बीमारी के कारण मस्तिष्क की अधिकतर बीमारियों की तरह जटिल है और वह अभी भी पूर्णतः जाने नहीं गये है। कई केसो में बीमारी वंशानुगत है। लेकिन कई केसो में वंशानुगत कारण माना नहीं गया हैं। वायरस एलर्जी या तो पर्यावरण के कारण और शायद आहारविहार की गड़बड़ से यह बीमारी हो सकती है । • बीमारी के लक्षण : एक या अधिक अंगो का पक्षाघात होना : ३५ % केस में द्रष्टि में कमी होना या एक चीज दो दिखना : ३६ % केस में शरीर के कुछ हिस्से में संवेदना लुप्त हो जाना (३७ % केस में) अथवा गलत संवेदना होना जैसे कि सूई चुभती हो ऐसा लगना (२६ % केस में)। शरीर का संतुलन बिगड़ना, चक्कर आना, मल-मूत्र त्याग में परेशानी होना। याददास्त कम होना और मिर्गी आना ।। इसके उपरांत हाथ-पैर में कंपन, दर्द, जातीय जीवन की परेशानी और उन्माद से लेकर हताशा जैसी मानसिक बीमारी देखने को मिलती है। इन सभी में से कोई एक या अधिक लक्षणों के साथ यह बीमारी शुरु हो कर, या तो.... (i) Relapsing & Remitting Multiple Sclerosis - RRMS : यह प्रकार में बीमारी के लक्षण संपूर्ण तरीके से चले जाते है और बाद में बारबार उसके ऐसे हमले आते रहते है और दर्दी परवश हो जाता है। (ii) Primary Progressive Multiple Sclerosis - PPMS : यह प्रकार में एक बार लक्षण शुरू होने का बाद हमेशा के लिए रोग आगे बढ़ता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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