SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 175
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 156 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ • निदान निश्चित करने हेतु रक्त की जाँच : सावधानीपूर्वक रक्त की जाँच की जाए तो सामान्यतः रक्तकणों में मलेरियल पेरेसाइट्स (एम.पी.) देखे जाते है । फाल्सिपेरम में मलेरियल पेरेसाइट की संख्या अधिक होने से वह रक्त की जाँच से सरलतापूर्वक देखे जा सकते है। लेकिन वाईवेक्स प्रकार में एम.पी. कम होने से, वह नहीं भी दिखता हैं । क्यू.बी.सी. प्रकार की जाँच से अधिक सफलता मिल सकती है । इसलिए बुखार हो तब रक्त लेना ज्यादा इच्छनीय है। परंतु वह बाद में भी लिया जा सकता है । कभीकभी दो-चार क्लोरोक्विन की गोली लेकर आए हुए मरीज की रक्त की जाँच में कुछ भी नहीं मिलता है। ऐसे केस में लक्षणों को ज्यादा महत्व दे कर उपचार पूर्ण करना पड़ता है। लक्षणों से मलेरिया की संभावना ज्यादा लगे तो उसका संपूर्ण उपचार करना पड़ता है, फिर भी बुखार न उतरे तो उसका अन्य कोई कारण ढूँढने की ज्यादा कोशिश करनी चाहिए और बाद में वह कारण अनुसार इलाज करवाना हितकारक रहता है। (६) न्यूरोसिस्टिसरकोसिस : पेरेसाइटिक बीमारियों में एक अत्यंत प्रचलित और चिकित्सको को भी परेशान करने वाली यह ऐसी बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क के सी.टी. स्कैन में टी.बी. जैसी गांठ (ring enhancing lesions) देखी जाती है । ऐसा माना जाता है कि अपने देश में युवा व्यक्तिओ में मिर्गी (फिट) आने का न्यूरोसिस्टिसरकोसिस सबसे महत्त्वपूर्ण कारण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy