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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ मस्तिष्क का सूजन बढ़ना (Raised Intracranial Tension), मिर्गी आना, थेली का रास्ता अवरुद्ध होना (हाईड्रोसिफेलस), सबड्युरल ईफ्युजन या सबड्युरल एम्पायमा (मवाद की गांठ मस्तिष्क के आवरण के बीच) या ब्रेईन एब्सेस (मस्तिष्क के अंदर मवाद की गांठ)... बहरापन, मस्तिष्क की शिराओं का अवरुद्ध होना (विनस थ्रोम्बोसिस) और वास्कयुलाईटिस-यह सब कम मात्रा में होनेवाली, परंतु मेनिन्जाइटिस से होनेवाली निश्चित प्रचलित समस्याएँ है और उसका भी योग्य निदान करके त्वरित उपचार करना चाहिए । इसके उपरांत ये सभी भारी दवाई भी विपरीत असर कर सकती है, इसलिए सावधानी रखनी चाहिए । (३) फन्गल मेनिन्जाइटिस : __ मस्तिष्क में होनेवाली फफूंद (फंगस)की बीमारी को फन्गल मेनिन्जाइटिस कहा जाता है । फफूंद अनेक प्रकार का होता है। जिसमें क्रीप्टोकोक्स, कोकीडोसीस, केन्डीडा, एस्परजीलस, हिस्टोप्लाझमा, फाइकोमायसेटिस आदि है। कमर के पानी का रिपोर्ट टी.बी. जैसा होता है। परंतु अधिक सावधानीपूर्वक माइक्रोस्कोप में देखने से उसमें फन्गस मिलते है (e.g. India Ink Preparation In Cryptococcus)। यह बीमारी भी सामान्य बुखार, सिर दर्द, अशक्ति एवं बेचैनी से शुरु होती है। कई बार उसका निदान प्रारंभिक अवस्था में नहीं होता है। इस प्रकार बीमारी बढ़ जाने से बेहोशी तथा मिर्गी आने जैसे लक्षण दिखाई देते है।
सामान्यतः जिस व्यक्ति के शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति एकदम कम हो गई हो उन्हें फन्गस की बीमारी होती है, जैसे कि केन्सर, लिम्फोमा, एईड्स, नशायुक्त दवाई की आदत, ज्यादा शराब, ज्यादा एन्टिबायोटिक या स्टीरोईड दवाई का सेवन, हर्पिस, केन्सर की केमोथेरेपी और अधिक डायाबिटीस - इन सभी संजोगो में फन्गस शरीर में फैलने लगता है।
___ कभीकभी मरीज अस्पताल में अन्य बीमारी के उपचार के लिए गया हो और टी.बी., फन्गस (फफूंद) और अन्य मवाद पैदा करनेवाली
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