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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ ६० हजार रूपये जितना हो सकता है । यह सर्जरी दोनों तरफ करना खतरनाक हो सकता है । इसलिए सामान्यतः एक तरफ
किया जाता है। (२) स्टिम्युलेशन तकनिक : किसी भी भाग को हमेशां के लिए
छेदग्रस्त न करना हो और इलेक्ट्रिक पद्धति से आवश्यक प्रमाण में नियंत्रण करना हो तो उस भाग को अत्याधिक (स्टिम्युलेट) उत्तेजित करने से इस भाग की कार्यशक्ति कुंठित हो जाती है । इस वैज्ञानिक सत्य के आधार पर यह पद्धति विकसित हुई है । मस्तिष्क की एल्बेशन सर्जरी में बताए हुए भागों को यहां Hyperexcite-अतिउत्तेजित किया जाता है। उसके लिए स्टिम्युलेटर इलेक्ट्रोड और सर्किट रखा जाता है ।। (इस प्रकार थेलेमिक स्टिम्युलेशन, पेलीडल स्टिम्युलेशन और सबथेलेमिक स्टिम्युलेशन-इस प्रकार तीन पद्धति विकसित हुई है। लेकिन वर्तमान समय में सबथेलेमिक स्टिम्युलेशन तकनिक के परिणाम सबसे अच्छे दिखाई दिए है ।) इस पद्धति का एक लाभ यह है कि मस्तिष्क के भागों का कायमी नुकसान नहीं होता । उत्तेजना कम-ज्यादा करने से परिणाम बदल सकते है । इसका दुष्प्रभाव भी कम होता है परंतु यह अत्यंत खर्चीला होता है । सर्जरी का स्टिम्युलेटर सहित एक तरफ का खर्च रू. ४ से ५ लाख आता है । यह मशीन दोनों तरफ भी रखा जा सकता है । कई केसो में खर्च कम करने के लिए और अन्य कारणों से एक तरफ स्टिम्युलेटर और दूसरी तरफ एब्लेशन सर्जरी की जाती है । ऐसा करने से शरीर के दोनों तरफ रोग फैला हो तो उसमें अधिक राहत मिल सकती है।
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