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________________ 102 मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ (७) दवाओं के दुष्प्रभाव से होता हुआ कोरीआ - मुख्यतः मानसिक बीमारियों की दवाईयाँ, गर्भनिरोधक गोलियाँ, लिथियम, उल्टी की दवाईयाँ, पारद जहर - इन सभी कारणों से कोरीआ हो सकता है। कोरीआ में आगे बताए गए अनुसार डोपामीन तत्व बढ़ जाता है, इसलिए डोपामीन की रोकथाम के लिए हेलोपेरीडोल, क्लोर प्रोमेजीन, टेट्राबेन्झिन और सीन इत्यादि दवाई उपयोग में ली जाती है। (c) ट्रेमर (Tremor) (कंपन) हाथ-पैर की उंगलियों की या गर्दन-होठ जिव्हा की क्रमबद्ध, परिवर्तित और एक जैसी कंपकंपी (कंपन) को ट्रेमर कहते हैं । यह सबसे अधिक पाया जाता मूवमेन्ट डिस्ओर्डर है । कई बार स्वस्थ मनुष्यों को भी थकावट, दवाई की असर, कोफी का सेवन, प्रेगनन्सी जैसी परिस्थिति में भी कंपकंपी होती है । दवाई में स्टिरोइड, दम की सालब्युटामोल, थीओफाईलीन; लिथियम, ट्राइसायक्लिक तथा एन्टिसायकोटिक जैसी मानसिक रोगों की दवाई और मिर्गी के रोगों में उपयोग में आने वाली वाल्प्रोयेट दवाई मुख्य है । थाइरोईड की मात्रा बढ़ने से भी ट्रेमर हो सकता है । कई मामलों में ट्रेमर वंशपरंपरागत होता है । जिसे फेमिलीयल एसेन्शीयल ट्रेमर कहते हैं । कुछ लोगों को उम्र की वजह से ट्रेमर आता है, और पार्किन्सोनिजम के मुख्य लक्षणों में भी ट्रेमर सम्मिलित है। __ इस प्रकार भिन्नभिन्न कारणों से होनेवाले ट्रेमर में अलग-अलग दवाई का उपयोग होता है, जैसे की बीटा ब्लोकर (प्रोप्रेनोलोल), डायाजेपाम, क्लोनाजेपाम, गाबापेन्टीन, प्रीमीडोन, पार्किन्सोनिज़म हेतु डोपामीनर्जिक दवाई । कई केसों में सर्जरी से भी लाभ मिल सकता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
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