SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 455
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४३३ हस्वास्तु भैरवाः प्रोक्ता दीर्घस्वरेण मातरः । असिताङ्गो रुरुश्चण्डः क्रीध अष्टौ हि भैरवाः । । जैनधर्म और तान्त्रिक साधना ब्रह्माणी माहेश्वरी कौमारी वाराही वैष्णवी चामुण्डा चण्डिका महालक्ष्मीः इत्यष्टौ मातरः । एवं षोडशदलेषु बीजाक्षराणि यथा - अहसाँ आसाँ इहसाँईहसाँ उस ऊहसाँ ऋहसाँ ऋहसाँ लृहसाँ लृहसाँ एहसाँ ऐहसाँ ओहसाँ औहसाँ अहसाँ अहसा । ततोऽपि द्विकाधिकत्रिंशद्दलानि - कहसाँ खड्साँ गहसाँ घहसाँ ङहसाँ चहसाँ छहसाँ जहाँ झहसाँ हसाँ टहसाँ ठहसाँ डहसाँ ढहस नहसाँ तहसीँ थहसाँ दसौँ धहस नहसाँ पसाँ फड्साँ बहस भहसाँ महसाँ यहसाँ रहसाँ लहसाँ वहसाँ शहसाँ षहसा सहसाँ ३२ । प्रत्यन्तरे तु अस्मिन् द्वात्रिंशद्दलकोष्ठेषु ककारादिवर्णानामग्रे बीजाक्षरलेखने पाठान्तरं दृश्यते तदपि लिख्यते । यथा कद्रयाँ: खद्रयाँ: गद्रयाँ: घद्रयाँ: उद्रयाँ: चद्रयाँ: छद्रयाँ: जद्रयाँ: झद्रयाँ: ञद्रयाँ: टद्रयाँ: ठद्रयः उद्रयाँ: ढद्रयाँ: णद्रयाँ: तद्रयाँ: थद्रयाँ: दद्रयाँ: धद्रयाँ: न्रयाँ: पद्रयः फद्रयाँ: बद्रयाँ: भद्रयाँ: यद्रयाँः रद्रयाँ: लद्रयाँ: वद्रयाँ: शद्रयाँ: षद्रयाँः सद्रयाँ: ३२ इति प्रत्यन्तरपाठान्तरक्रमः । ततश्चतुःषष्टिदलानि आलाई ईवाई ऊशाई ऋषाई लृसाई ऐहाई औळाई अंक्षाई १ । वाई ईशाई ऊषाई ऋसाई लृहाई ऐळाई औक्षाई अंलाई २ आशाई ईषाई ऊसाई ऋहाई लृळाई ऐक्षाई औलाई अंवाई ३ आषाई ईसाई ऊहाई ऋळाई लृक्षाई ऐलाई औवाई अंशाई ४ आसाई ईहाई ऊळाई ऋक्षाई ललाई ऐवाई औशाई अंबाई ५ आहाई ईळाई ऊक्षाई ऋलाई लृवाई ऐशाई औषाई अंसाई ६ आळाई ईसाई ऊलाई ऋवाई लृशाई ऐषाई औसाई अंहाई ७ आक्षाई ईलाई ऊवाई ऋशाई लृषाई ऐसाई औहाई अंळाई ८ एवं षष्टिः खीलनानि हलेषु ततोऽष्टदलानि । दलेषु ऐं ३ दुर्गे! दुर्गदर्शने नमः । ऐं ३ चामुण्डे ! चण्डरूपधारिण्यै नमः । ऐं ३ जम्भे नमः । ऐं ३ मोहे नमः । ऐं ३ स्तम्भने नमः । ऐं ३ आशापुरायै नमः । ऐं ३ विद्युज्जिहे ! नमः । ऐं ३ कुण्डलिनी नमः । ऐं ह्रींकारवेष्टितं क्रोंकारनिरुद्धं भूरिसी भूतधात्री भूमिशुद्धिं कुरु कुरु स्वाहा । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001796
Book TitleJain Dharma aur Tantrik Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1997
Total Pages496
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Occult
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy