________________
H
श्री मल्लिनाथ अनाहत यंत्र नं -१६
झिं
t
2323.
लं
श्री मुनिसुव्रतनाथ अनाहत
यंत्र नं–२०
भिं
31.
Jain Education International
महाविज्जार मल्लि मल्लि ताय मम चिंतित कार्य
दे, तह
ब्बि
सहिताय ममद्विपदंचतुष्पदंवशीं
£ £
महाविज्झर
२१५
कुबेर यक्ष अपराजिता यक्षि सहि सिज्जधम्मै भगवदो विज्झर
सु
क्षिं
अरिपायस्समल्लि
स्वाहा
सिद्धिं च कुरु कुरु स्वाहा
判
जैनधर्म और तांत्रिक साधना
क्षि
वहे स्वाहा
कुरु कुरु स्वाहा
ॐ ह्रीं श्री मल्लिनाथाय
ॐणमो भगवदो
अरहदोमल्लिस्स
नाथाय वरुण यक्ष बहु रूपिणी यक्षि
मुणिसुवय स्ससिज्झ धम्मे भगवदो विज्झर क्षिं.
For Private & Personal Use Only
31.
क्षि
31.
क्षि
ॐ ह्रीं श्री मुनि सुव्रत ॐ नमो भगवदो अरहदो
31.
31.
'मङ्गलम से साभार
www.jainelibrary.org