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यंत्रोपासना और जैनधर्म
जिणाणणमोमबाहिजिणाणणमा अणं तोहि जिणाणं | ॐवृषभस्म भगवदो स्वाहा।
ऋषम नाथतीर्थ कराय गोमुख यक्ष
ऋषभनाथ अनाहत
यंत्र नं-१
प्रणमाजिणाणंचणमो ओहिजिणाणचणमोपर मोहित
जम्भिर्केश विसकै अनाहत विद्यायै
चक्रेश्वरी देवी
सिभिधम्मे भगवदोवृषभ स्वामिधत्त
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ططنللملعلل والمللطالما طفا لطالما لعمليطههلهعلعاطليما
विज्माणंमहा विज्माणं ॐणमोजिणाणं ॐणमोपरमोहि जिणाणं ॐ
णमोसवोहि
नाथाय महायक्षरोहिणिदेविसहितायमम
अजितनाथ अनाहत
यंत्र नं-२
ॐणमो भगवदो अजि तस्स सिज्मधम्मे भगवदो
ॐहीं अजित
सर्वकार्य सिद्धिकुरू २ स्वाहा
| जिणांण भगवदो अरहंतो अजितस्स सिझधम्मे
1b Neelpak
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'मङ्गलम से साभार
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