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________________ २५२] मोक्षशास्त्र सटीक प्र.५. निम्नांकितोंमें किसी एक पर निबन्ध रचना कीजिये: (१) मोक्षशास्त्रकी जीवनमें उपयोगिता (२) जैनधर्म की विशेषता। (३) भौतिक विज्ञान और आत्मज्ञान। प्र.६. निम्नांकितोंमें अन्तर प्रदर्शित कीजिए मोक्षमार्ग-मोक्ष, भव्य-अभव्य, सम्यक्त्व-मिथ्यात्व, तत्व-द्रव्य, कल्पोपपत्र-कल्पातीत, नय-निक्षेप। प्रश्नपत्र अ० भा० जैन परिषद परीक्षा बोर्ड (समय ३ घण्टे) . मोक्षशास्त्र पूर्वार्द्ध (पूर्णाङ्क १००) mi yo नोट- कोईभी पाँच प्रश्र कीजिए। प्र.१. ग्रन्थकारका नाम लिखकर उसका जीवन परिचय दीजिए। प्र.२. जम्बूद्वीपका चित्र खींचकर इसमें समस्त क्षेत्रोंको अङ्कित कीजिए। मोक्षमार्गके स्वरुपकी व्याख्या कीजिये। प्रमाण और नय से क्या समझते हो? इनकी स्पष्ट व्याख्या कीजिए। "तत्वार्थश्रद्धानम् सम्यग्दर्शनम्" का अर्थ स्पष्ट कीजिये तथा सम्यग्दर्शनके महत्व पर प्रकाश डालिये। प्र.६. आचार्य कुन्दकुन्द अथवा चामुण्डरायका जीवन परिचय दीजिये। प्र.७. देव कितने प्रकारके होते है? लोकान्तिक देवोंमें अन्य देवोंकी अपेक्षा क्या विशेषताएँ हैं ? प्र.८. द्रव्यका अर्थ लिखकर उसके भेद-प्रभेदोंका वर्णन प्र.५. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001795
Book TitleMokshshastra
Original Sutra AuthorUmaswati, Umaswami
AuthorPannalal Jain
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages302
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Tattvartha Sutra, P000, P005, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size12 MB
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