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502 Dr. Charlotte Krause : Her Life & Literature
जमपोल सु नांषै छै । 40 आपरी त्यागै, पराई सुं लागै, ज्यां माहे मोटो हुंवै तिणांरो वुरो चाहै, तिणनै सूली दीजी छै । 1 एकलो षाय, तिणनै नरक मै नांषै छै*42 धरमसास्त्रनै नंदै, तिणनै कुतरां कना सूं फडाईजै छै* 143 असतरीनै विगर पुन छाडै छै, तिणनै लोहयंत्र मैं घालनै, पीलै * 144 इण भांत सुं चितार चितार सझा दीजै छै* 145
इति श्रीनवमोध्याय समाप्तं * | 46
एक मै अचरज दीठो* : '
उरधकेसी, 2 मेकदंता*, 3 षडगदंता *, ' मोटा नष* : इसा जमदुत दीठा, जिके पापी दुराचारीयांनै पकड ल्यावै छै । पैलानै धाह दे, तिणनै षडग सुं मारता ल्यावै छै । पराई लुगाई कनै मांडांई जाय, तिणनै लोहरां तवां उपर उन्हा करनै बैसांणै छै । जिसडी कमाई करै, तिणनै सभाल सभाल तिसडीहीज सझा दीजै छै* 110 मित्र भाईरी तथा सगा सोईरी असत्री सुं बुरो देषै, तिणनै कुतरां कना सुं फडावै छै ।" मुहडो आगिं सु भरै छै । " " सास अमुझे छै । 13 षडग धप्ता माहे नांषे छै । ' 4 आतमघातीनै नरक मै नांषै छै । 15 पछै पंषेरू अवतार दे । 16 देवतांरो माल चोरै, तिनै कुभी नरक मै नांषै छै* 17 हंडवाई चोरै, तिनै चक्र सुं मारै छै । 18 पो<> पांणीरी भांगै, तिणनै कुलपासां सुं बांधै छै । " बांधनै, नरक मै नांषै छै* 120 तलांव फोडै, तिणने जोककुड माहे नांषै छै*।±1 वाग वनासपति, नीलो रुष काटै, तिणनै बककलेस नरक माहे नांषै छै । 22 वडेरा न मांनै, तिणनै रोरव नरक माहे नांषे छै* 123 गांव बालै, दव दे, तिनै अगनकुड माहे नांषै छै । 24 आपरा पुरषनै त्यागै, पराया पुरष सुं लागै, आपरा पुरषरो माल पराया पुरषनै पवाडै तिण असत्रीनै लोहरा तवा ऊना करनै उपरै बैसांणै छै* 125 सांमद्रोही नै, गुरद्रोहीनै, मित्रद्रोहीनै, जिणरा हाथ पग वाढिनै, मूंढो विसटा सूं भरनै, नरक माहे नांषै छै* 1 26 अन चोरै, तिणनै मुढो विसटा सुं भरनै, नरक मै नांषै छै*127 हस तचाड हुंवै, तिणनै अंधतास नरक मै नांषै छै*128 असत्रीनै लोग दिषायनै गमन करै, तिनै दाहकुंड माहे नांषै छ । 29
इति श्रीदसमोध्याय समाप्तं । 30
एक अचरज वले दीठो : ' एक व्रष दीठो : पांच जोजन चोडो, दस जोजन उचो । तठै पापी छै । तिके बो[4a]हत अचैन पावै छै* । उनी वेलूं छै* ' तठै दाजीजै छै । 7 कालगांमी छै । बोहत रुंदन करै
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