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Nāsaketari Kathā
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बोलै*, वाजा हरै*,' अभिमांन करै* :३० ईसा तो मै अनेक दीठा*।" नासकेत कहै।
इति अष्टमोध्याय संपूर्ण*133 धरमराजाजी दरबार मांडि बैठा छै*।' पापी दुराचारीयांनु बुलावै छै*।' मुदगरां सुं मारीजै छै*।' त्राहि त्राहि कर रह्या छै*/* रषेस्वर बैठा छै*। तिके पिण करुर थका बैठा छै*।' त्यांरा नाम कहूं छु* :
अंतकजी*, भारद्वाजी*, धीच*, मुनि नारद*, मारकंडजी* इतरा रषेस्वर धर्मराजाजीरा मुहडा आगै आय बैठा छै*। पाप पुन्यरो न्याव कीजै छइं*।' बारै सूर्य संक्रांत तपै छै*।'° धरमरा, वेद सास्त्रना जांणणहार, त्रिकालदरसी* इतरा धरमराजाजी आगै बैठा छै*।' माथै मुगट छै; हाथे डंड छै*13 कांने कुंडल छै*114 देवता सगला बैठा छै*15
तठै बमहित्यारांनै कुभी नरक मै नांषै छै*16 गोहित्यारांनै कुसटलकुंड मै नांपै छै*117 असत्रीघातीनै, वरतहीरानै घांणी मै घालनै पीलीजै छै*। मातापितारो घाती, तिंणनै छुरी सुं काटीजै छै*" परनारी सुं गमन करै, तिणनै लोहरी पुतली उंनी लाल करनै, छांती सुं भीडीजै छै*।२० पापी दूराचारयांनै मुदगरां सुं मारई छै*121 कन्यानै झूठो दोष लगावै, तिणनै, वैतरण नंदी मै नांपै छई*22॥ [4a]गुरपतनीनै दोष लगावै, तिणनै कुशलकुड मै नांपै छै* 123 वेसासघातीनै तेल माहे नाषीजै छै* 24 नै वडारी नाई तलै छै*125 पराई थांपण राषै, तिणनै कुभी नरक मै नांषै छै*126 इष्टी होय, तिणनै कुतां कना सुं फडाईजै छै*17 गुरनै न मांनै, तिणनै करमकुड मै नांपै छै*18 अभिष भषै, तिणनै वैतरण नंदीरो लोही राधि, महादुरगंध मनषनै पाईजै छै*129 बहिन साटै परणै, तिणनै हजार जनम नरक मै नांपै छै* कपडो चोरै, तिणनै तपत सिला उपर बैसाणे छै*131 कन्यादान माहे. भंग करै, तिणनै नरुछास नरक माहे नांपै छै*132 व्रतभंग करै, तिणनै षडगधारा नरक माहे नांषीजै छै*133 गुररी असतरी सुं गमन करे, तिणनै नारकी मै नांषै छै*134 मित्रघातीनै पेट फाडनै, नरक माहे नांषीजै छै*15 सोनो चोरै, मोती चोरै, जिणनै जमपरबत सूं नांषीजै छै*. गरीबरो, दलद्रीरो धन चोरै, तिणनै नरक मै नांषीजै छै*।' विगर दीठी साष भरै, तिणरी आंष फोडै छै*138 दांन करतां वरजै, तिणरो मुंढो विसटा सुं भरै छै*।' असत्रीरी नंद्या करै, व्रम्हचारीरी नंद्या करै, तिणनै
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