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Nāsaketari Kathā
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छै*।' मुदगरां सु मारीजै छै*110
रे जीव धर्म क्युं कीयो नही*?' तीरथव्रत क्युं कीया नही*?12 व्रम्हचारी अतीतरी, भूषा तिसीयारी मन, छा, त्रिपत न कीधी*?13 षटदरसणनै कदेई दांन न दीयो?' सो जम राजानै ओलषता कना नही*?16 अतीत ग्रास*, गउ ग्रास*, स्वांन ग्रास*, बीली ग्रास*, काग ग्रास*, ए पांच ग्रास न दीया।" थाकांनै विसरांम न दीया*18 सो जमदुतांनै ओलषता कना नही? ओलषता नही*।"
तिहांनै कहि[कहै|नै, मार दीजै छै*120 नारकी मै नांषीजै छै*11 दान देनै गिणावै, सो नारकी मै पडै*121 काग कुंतरां कना फडावै छै*122 अमावसरै दिन भोग करै, सुतक मै षावै*, सरब भषै, तिण प्रांणी [जीवनै] आंधा कुंवा मै नांषै छै*123 वावरीनै लोहजंत्र मै घातनै पीले छै*124 जलनै, अगननै नंदै, देवतां साधांनै नंदै, राजा अतीतनै नंदै, ब्रांमणनै नंदै*, पुजनी कनै नंदै*, पारकी निंदा करै, पराई आयो* तिणनै क्रमकुड मै नांषै छै* 15 अनेक भांति भांति सुं सझा दीजै छै*16
इति इग्यारमोध्याय समाप्त। जमकिकर भयानक दीठा।' तिके कहु छु* :- थे सकोई एकाग्र चिंत देनै सांवलो* ! गोहीडै चढीया, सरप चढीया, गोह चढीया, वीछु चढीया* , कुतरां उपर चढीया, सूर उपर चढीया, नाहर उपर चढीया* इसा तो मै अनेक जमदुत दीठा*। उरधकेसा, करालदंता छै* कालै वरण, मोढा नष छै। मोटा हाथ नै पग छै।' मोटा पेट छै* स्यालमुषा छ,' ल्यालीमुषा छै*11° आगा सु रुधर लपेटीया छै*।'' हाथां माहे साप छै। काला कपडा छै*113 क्यांहीरे हाथां मै षडग, त्रिसूल छै*,14 बरछी छै,। [हाथां] तोमर छ,16 फरसी छै," मुदगर छै, पासी छै*," चक्र, आकुस छै*,२० वज्र छै,1 डंड छै* :12 इसा हाथां माहे आवध छै*123 त्यारै घरबार नही* 124 सदाई भमता रहै*15
त्यां माहे एक जमदुत बलवंत छै*126 तिणरै अगन सरीषा नेत्र छै* घडी घडी मै चित्रगुपत कनै कहै छै* :28 'जिणरी आव पुरी होय, सो वतावो* !29
केई तो जम राजारा जोडायत छै*13० तिके जम राजारा हुंकम सुं पापीयारै मार दे छै*131
एक मै वले अचंभो दीठो* :32 एक दैत जमदूत सूं लडाई
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