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Nāsaketari Kathā
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केईक पवन साझै छ,23 केईक तो मासपारणो करै छै*124 केईक तो पषपारणो करै छै* :25 ईसडी तपस्यारा करणहार अनेक रषेसर भेला होयनै, आया छै*126 तिके कहै छै27 'उदालकजी! थारो वडो भाग,28 तिणार नासकेत सरीषा पुत्र* !?' आज पैहली दीठो न कोई सुंणीयो* !30 जमलोक जायनै, पाछो कोई आवै नही!' सो नासकेत जायने आयो* !'32 रषेस्वरां ईसडी कही।
इति षष्टमोध्याय संपूर्ण। आसपूरण कथा राजा जनमैजी आगै विसनोपाय रषेस्वर कहै छै:।
"हिवै नासकेतनै रषेस्वर पुछ छै, न कहै छै*. 'जमलोक किसडोक छै? जमदूंत किसडाक छै*?' जम किसडायक छै*?' चित्रगुपति किसडायक छै*?' पैडो किसडोयक छै*?"
तरै नासकेत कहै छै* : मोनै पिताजी सरापन दीयो*।' क्रिपा कीवी। तिण सुं जमलोक जायनै, पाछो आयो*।। हमै उठारी कथा दीठी। तिसडी कहूं छु*13 थे एकाग्र होयनै, सांभलो!14
प्रथम तो उठै जाय छै।६ तरै राजाजी जमनै चित्रगुपतनै नमसकार कीजै छ।16
जमपुरी सहस्र जोजन उची छै*," पचास जोजन चोडी छै*18 च्यार दरवाजा छै*।" च्यार षुणा छै*।२० तनांना भातरा लोक रहै छै*121 वाग, वगीचा, तलाव, नदी छै*122 चंदणरा कपाट छै;23 सोनारा घर छै;24 लाल हीरा जड्या छै*;25 मोतीयांरी झालर छै*26 ईसडो सहर छै।7 तिण माहे देवता रहै छै*128 गधर्व गावै छै*" मृगतगांमी*,30 तलावर करता*31 उपगार करता*,32 वावडी कुवा करता, भूषांने अनरा देणहार*,34 ईसा मनष पूरबरै दरवाजै प्रवेक करता दीठा*135
हिवै पछिमरा दरवाजारा कहूं छु* :6 तांबारो दरबाजो छै;37 तांबारी धजा छै;38 तांबारा घर छै*१ तलै एहवा मनष तांबारै दरवाजै प्रवेस करता दीठा* :40 उपगार करता दीठा*,41 सतवादी दीठा*;42 मातापितारी सेवा करता दीठा;43 माहरा महीना माहे सीयां मरतांनै तपावै*;+ थाकांनै विसरांम दे, कुल पुछै*,45 पग धोवाडे [3b], पावडी दीयै*46 इतरा पछिमरै दरवाजै प्रवेस करता दीठा* 147
हिवै उतररा दरवाजारा कहूं छु* :4s सोनारो दरवाजे छै*;" मोनारी घंटा छै* :50 सोनारो चमर छै*। तठै एहवा लोक प्रवेस करता
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