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Dr. Charlotte Krause : Her Life & Literature
इतरौ कहिनै, जोग अभ्या[3a]स करनै, देह मांहिं सूं जीव नीसरियो* सो जमलोक गयो छै जीव।68
इति चतुर्थोध्याय संपूर्णं। १ नासकेत राजा जम कनै गयो।' असतुति करी*। 'सहस्रबाह, सहस्रचष्य, सहस्रपद राज!' असतुति सुणनै, जम राजा राजी हुंवो बोहत* जम राजा पुछियो* 'तोनै अठै कुण ल्यायौ?' थारी आव पुरी कोई न हुई छइं*!'7
तरै नासकेत बोलीयो* 'मोनै पिताजीरो सराप हूंवो छै* :' वासतै हुं अठै आयो छु*110
राजा जम राजी हुवो नै कह्यो* :11 'तु पाछो जा!12 थारी कथा सुंणसी, जिणनै जमदंत कोई आवै नही, नारकी माहे जावै नही* !13 नासकेत बोलीयो*14 'मोनै जमपुरी दिषावो* !15 तरै राजा जम दुतानै कह्यो*16 'नासकेतनै चित्रगुपत कनै ले जावो* !17
सो जमदंत चित्रगुपत कनै ले गया*18 नासकेत असतुति करी* :19 'सरब धरमरा जांणणहार* !° बोहत तेजरा धरणहार* !! पाप पुन्यरा जांणणहार!'22 इतरो कहै नै असतुति करी*।23 इतरो कहनै, उभो रह्यो छै*124
इति पंचमोध्याय संपूर्ण।25 विसानोवाच*
चित्रगुपत नासकेतनै कहै छै*' 'तु मांगै, सो मांग* :- हुं तोनै सुप्रसन हुंवो। तरै नासकेत बोलीयो* :4 'मोनै थांरी नगरी दिषावो!'5 तरै दुतांने कह्यो* 'दिषावो* !? तरै दुतां पाप पुन्यरा करता दिषालीया*।' व्रतरा करता दिषालीया*।' तलाव, नीवांरा करता दिषालीया*।'° कुंड दिषालीया*।' सगला सहर मै फेरंनै ले आया*112
तरै राजा जम कहीयो* :13 नासकेत! तु पाछो जा* !4 थारी कथा सीषसी नै सुणसी, तिणनै जमदंत कोई आवै नही*!15 सो जमलोक न आवसी* !'' थारा माईत दुचीताई करता हुंसी* !17
तरै नमसकार करनै, पाछो आयो।8
आयनै, मातापितानै नमसकार कीयो।" इतरा माहे रषेस्वरां सुंणीयो*।२० तरै रषेस्वर आया। तिके रषेस्वर किंसडायक छै*??
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