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Nāsaketari Kathā
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तरै रषेस्वर बोलीयो* : 'रे बालक! तु थारा बाप कनै जा* !' तरै उदालकजीरो आश्रम गंगाजीरै तटि छै*। सो पिंजरो सांमै पाणी चालीयो*।' सो उदालकजी गंगाजी नित्य सनांन करणनै आवै छै*। तठै सनांन करतां पिज[2a)रो आयने पगे लागो*।' तीनही विरीयां पगे लागो* :10 मध्य सनांन पगे लागो।' संझ्या संनांन पगे लागो*12 तरै उदालकजी दीठो*13 [तरै उदालकजी जोयो*/14] पिंजरो उरो लेनै षोलीयो।' माहे देषै, तो अनोपम बालक छै* तिणरै आपरा सा चैन छै*। सो देषनै ब्रह्माजीरो बोल याद आयो*18 कह्यो थो*19 'असची पैली बालक आवसी*12० तिको बोल पुगो*21 पछै बालकनै आपरै आश्रम ले आया*122 पाल पोस करता हुआ*13 मोटो हुंवो।4
एक दिनरै विषै चंद्रावती दलगीर हुई*15 त? तिणबंध रषेस्वर बोलीयो* :26 'बेटी! तुं दलगीराई क्युं करै छै*?'27 तरै चंद्रावती बोली* :28 'पिताजी! एकलां आवडै नही* !' डावडो हुवो थो*३० तिको गंगाजी माहे प्रवाह दीयो*31 नही, तर आजनै मोटो हुंओ इंतो*32 तरै रषेस्वर जी बोलीयो* :33 'जठीनै पिजरो जातो दीठो छै*,34 पुत्री, तु तठी सोझ, लाभसी*।'35
तरै पिंजरो जातो दीठो थो*,36 तठीनै चंद्रावती चाली*137 आगै देषै तो उदालकजीरै आश्रम बैठो छै*38 तरै चंद्रावती पूछीयो* :१ रे बालक! तू कुण छै*? थारो पिता कुण छै*?41 थारी माता कुण छै*?42 ओ आश्रम किंणरो छै*?'43 तरै नासकेत बोलीयो* :44 'ओ आश्रम उदालकजीरो छै*145 मारै पिता उदालकजी छै*। मोनै माताजी षबर नही*147
तरै चंद्रावती बोली* :48 रे पुत्र! हूं थारी माता छु* 149 रषेस्वर कठै गयो छै*?'50 तरे नासकेत बोलीयो* :51 'कंद मुलनै गया छै*152 मोनै बैसाण गया छै*।'53
तरै चंद्रावती बुहारो दीधो*154 चोको दीधो*।55 हंडवाई मांझी*156 पछै गंगाजी सनांन करण गया चंद्रावतीजी*।57
इतरा माहे उदालकजी पिण आया*।58 देषनै कह्यो* :59 रे पुत्र! बुंहारो किंण दीयो*?०० चोको किण दीयो*?61 हडवाई किंण मांजी*?'62 तरै नासकेत बोलीयो* :63 'पिताजी! माहरी माता आई थी*164 तरै उदालकजी बोलीया* :65 रे पुत्र! थारी माता आई थी, तो कठै गई*?'67
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