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________________ Jain Education International अंक लेख प्रधानाचार्य या आचार्य श्रमण संघ के सामने एक सवाल ! जैनाचार्य श्री काशीराम जी धार्मिक जीवन की प्रेरणा धर्म और पुरुषार्थ आहार शुद्धि के लिए क्या करें ? निगष्ठनातपुत्त लोंकागच्छीय विद्वानों के तीन संस्कृत ग्रन्थ दुविधा कर्तव्य बोध अध्यात्म साधना कैसी हो आध्यात्मिकखोज पाप क्या है ? असमता मिटाने का उपाय स्वार्थी तो हम भी हैं ? श्री किशनदास कृत 'उपदेश बावनी' उपजीवी समाज or or or or or or o ooooooooo or or or or For Private & Personal Use Only श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक - वर्ष श्री सुरेशमुनि शास्त्री मुनिश्री कन्हैयालाल जी 'कमल' ११ श्री सुमन मुनि उपाध्याय अमर मुनि पं० सुखलाल जी मुनिश्री निर्मल कुमार श्री भरतसिंह उपाध्याय श्री अगरचन्द नाहटा श्री मधुप कुमार डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन आचार्य विनोबा पं० बेचरदास दोशी ११ मुनिश्री श्रीमल्ल जी ११ श्री उमेशमुनि रामप्रवेश शास्त्री अम्बाशंकर नागर ११ श्री भ्रमर जी सोनी ई० सन् १९६० १९६० १९६० १९६० १९६० १९६० १९६० १९६० १९६० १९६० ११ पृष्ठ २३-२५ २६-२९ ३०-३३ ९-१२ १४-१७ १९-२० २१-२३ २४-२८ ३०-३१ ७-८ १०-१२ १३-१५ १९-२१ २२-२३ २४-२७ २८-३२ ३३-३५ १९६० ११ ११ or or १९६० १९६० १९६० १९६० १९६० १९६० or or ११ ११ or www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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