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________________ लेख Jain Education International अंक श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक वर्ष श्री विमल जैन डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी श्री जमनालाल जैन ३३ डॉ० निजामुद्दीन ___ ३५ मुनि नेमिचंद १५ उपाध्याय अमरमुनि ३४ ई० सन् १९६४ १९६३ १९८२ १९८३ १९६४ १९८२ ४६१ पृष्ठ ३५-३८ १५-१७ ५१-५५ १०-१३ ३०-३४ ५-१४ For Private & Personal Use Only भगवान् महावीर और नारी जाति भगवान् महावीर और उनका उपदेश भगवान् महावीर और युवा अध्यात्म भगवान् महावीर और विश्वशांति भगवान् महावीर और समता का आचरण भगवान् महावीर भगवान् महावीर-उनके जीवन की विविध भूमिकाएं भगवान् महावीर का आदर्श और हम भगवान् महावीर का आदर्श जीवन भगवान् महावीर का उपदेश और आधुनिक समाज भगवान् महावीर का जीवन और दर्शन भगवान् महावीर का निर्वाण कल्याणक भगवान् महावीर का विचार तथा कृतित्व समस्त विश्व के लिए अनुपम धरोहर भगवान् महावीर का व्यक्तित्व पं० सुखलाल संघवी श्रीमती कांता जैन श्री पूनमचन्द मुणोत जैन auw or aran w wg waar on १९५२ १९५१ १९८५ ९-१६ ३३-३६ २२-२३ ३६ ३२ पं० दलसुखभाई मालवणिया डॉ० सागरमल जैन उपाध्याय अमरमुनि ४५ ३५ १९८१ १९९४ १९८३ १९८३ १७-२२ १४-१७ २-६ डॉ० रामकुमार वर्मा डॉ० गुलाबचन्द्र चौधरी ३१ www.jainelibrary.org १ -७ १९७९ १९५५ ६ ३६-३७ ४१-४६ ६
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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