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________________ ४६० Jain Education International वर्ष अंक श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल मुनि महेन्द्रकुमार उपाध्याय श्री अमरमुनि 7. ई० सन् १९५४ १९८४ १९८१ पृष्ठ ३-९ ८-१० १७-२३ डॉ० यदुनाथप्रसाद दुबे ४२ ४-६ १९९१ २१-३२ For Private & Personal Use Only लेख बत्तीस प्रकार की नाट्यविधि बन्दर का रोना बलिदान की अमर गाथा वसन्तविलासकार बालचन्द्र सरि: व्यक्तित्व एवं कृतित्व बालकों के संस्कार निर्माण में अभिभावक, शिक्षक एवं समाज की भूमिका बिना विचारे जो करै बुद्ध और महावीर बह्मदत्त भक्तामरस्तोत्र : एक अध्ययन भरतेशवैभव में प्रतिपादित सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था भगवान् महावीर भगवान् महावीर भगवान् महावीर और उनका शांति संदेश भगवान् महावीर और जातिभेद डॉ० सागरमल जैन उपाध्याय अमरमुनि डॉ० देवसहाय त्रिवेद मुनिश्री महेन्द्रकुमार जी 'प्रथम' डॉ० हरिशंकर पाण्डेय १९८० १९८१ १९७९ १९८३ १९९५ २६-३८ १२-१४ ३०-३४ ४०-४२ ७-९ ४६ ७-२ MMMMyy ww x ७ ६-७ ६-७ श्री सुपार्श्वकुमार जैन श्री मदनलाल जैन श्री महेन्द्रराजा जैन पं० श्री ज्ञानमुनि जी श्री पृथ्वीराज जैन o १९७५ १९५६ १९६२ १९५५ १९५० ३-८ ५५-५६ ५५-५६ ४७-५३ ५-१७ ११-१६ w ६-७ www.jainelibrary.org or ६
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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