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________________ Jain Education International ___ वर्ष अंक २३ २०१ १० २३ २४ For Private & Personal Use Only ४२४ लेख ग्यारह गणधर सम्बंधी ज्ञातव्य बातें ग्वालियर के तोमरकालीन दानवीर ग्वालियर के तोमरवंशीय राजा गुप्तकाल में जैन-धर्म गुप्त सम्राटों का धर्म समभाव गोम्मट आइडोल्स ऑफ कर्णाटक चंदनबाला और मृगावती चण्डकौशिक का उपसर्ग स्थान योगी पहाड़ी चन्द्रावती की जैन प्रतिमाएँ ; एक परिचयात्मक सर्वेक्षण चित्तौड़ का जैन कीर्तिस्तम्भ २४ तीर्थंकरों के नामों में नाथ शब्द का प्रयोग कब से जंगम आगम संशोधन मंदिर जैन इतिहास की एक झलक आचार्य हेमचन्द्र : एक युगपुरुष जैनधर्म की प्राचीनता और विशेषता जमाली का मतभेद जालिहरगच्छ का संक्षिप्त इतिहास श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री अगरचन्द नाहटा श्री चम्पालाल सिंघई डॉ० राजाराम जैन डॉ० अमरचन्द मित्तल श्री चम्पालाल सिंघई पं० के० भुजबली शास्त्री श्री जयचन्द्र बाफणा श्री भँवरलाल नाहटा श्री विनोद राय श्री भूरचन्द जैन श्री अगरचंद नाहटा पं० दलसुख मालवणिया पं० महेन्द्रकुमार न्यायाचार्य प्रो० सागरमल जैन कुमारी मंजुला मेहता श्री मनोहर मुनि डॉ० शिवप्रसाद 32 ~ ur r m 9 Mar ~ » » २२ २९ ई० सन् १९७३ १९७२ १९६८ १९५९ १९७२ १९७३ १९५२ १९७१ १९७७ १९७७ १९७० १९५१ १९५६ १९८९ १९७३ १९५८ १९९२ पृष्ठ २२-२६ १०-१३ ६-१३ १६-२२ १८-२० ३६-३८ ३१-३२ ५-८ ३६-३८ ३४-३५ १८-२२ २८-३२ ३-८ ३-१५ ८-१५ ६६-६८ ४१-४६ २२ www.jainelibrary.org ४० २४ ९ ४३ १२ ५ ६-७ ४-६
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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