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________________ ४१० Jain Education International श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक वर्ष अंक ई० सन् पृष्ठ ___7 For Private & Personal Use Only लेख महाकथा कुवलयमाला के रचनाकार का उद्देश्य - और पात्रों का आयोजन महाकवि बनारसीदास का रसदर्शन महाकवि जिनहर्ष और उनकी कविता महाकवि स्वयंभू के काव्यविचार महान् साहित्यकार आचार्य हरिभद्रसूरि महाराष्ट्री प्राकृत महावीर-सम्बन्धी एक अज्ञात संस्कृत चरित्र महावीर-सम्बन्धी साहित्य महावीर से पहले का जैन इतिहास महेन्द्रकुमार 'न्यायाचार्य' द्वारा सम्पादित एवं - अनूदित षड्दर्शनसमुच्चय की समीक्षा महो० समयसुंदर का एक संग्रहग्रंथ 'गाथासहस्त्री' महोपाध्याय समयसुन्दर-रचित कथाकोश माणिक्यनन्दीविरचित परीक्षामुख । मानवमूल्यों की काव्यकथा भविसयत्तकहा मुनिमेषकुमाररचित किरातमहाकाव्य की अवचूरि डॉ० के०आर० चन्द्र श्री गणेशप्रसाद जैन श्री मोहन 'रत्नेश' डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन डॉ० ज्योतिप्रसाद जैन पं० बेचरदास दोशी श्री अगरचन्द नाहटा कु० मंजुला मेहता डॉ० इन्दु १९७३ १९७२ १९७८ १९७३ १९६५ १९६८ १९७४ १९७४ १९५३ १०-१३ ३१-४१ २४-२६ २५-२७ ५३-५५ ५-८ ५२-५६ २७-३२ ३०-३४ डॉ० सागरमल जैन श्री अगरचंद नाहटा श्री भंवरलाल नाहटा डॉ० मोहनलाल मेहता डॉ० देवेन्द्र कुमार श्री अगरचंद नाहटा yr, १९९७ १९७२ १९७६ १९७७ १९६८ १९६८ १४१-१४६ २३-२८ २४-२७ २३-२४ ५-९ १५-१७ १९ २० ९ २ www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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