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________________ Jain Education International १० श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री अगरचंद नाहटा १२ श्री अगरचन्द नाहटा २२ डॉ० सूर्यदेव शर्मा ६ श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री २९ श्री मिश्रीलाल जैन __३५ प्रो० कानजी भाई पटेल दीनानाथ शर्मा ४२ श्री अगरचंद नाहटा ____ २१ ८ ४ ३ ३९४ लेख एक अज्ञात ग्रन्थ की उपलब्धि एक अज्ञात जैनमुनि का संस्कृत दूत काव्य "हंसदूत” एक अप्रकाशित प्राचीन प्राकृत सूत्र का अध्ययन एक आश्चर्यमय ग्रन्थ उत्तराध्ययन: नामकरण व कर्तृत्व उत्तराध्ययनसूत्र उत्तराध्ययनसूत्र : धार्मिक काव्य उपदेशमाला (धर्मदासगणि) एक समीक्षा उपा० भक्तिलाभरचित न्यायसारअवचूर्णि ऋग्वेद में अर्हत् और ऋषभवाची ऋचायें : एक- अध्ययन ऋषिभाषित का अन्तस्तल ऋषिभाषित का परीक्षण ऋषिभाषित का सामाजिक दर्शन कर्मप्राभृत अथवा षटखण्डागम: एक परिचय कर्मयोगी कृष्ण के आगामी भव कतिपय जैनेतर ग्रथों की अज्ञात जैन टीकाएं ई० सन् १९६१ १९६१ १९७१ १९५५ १९७८ १९८४ १९६४ १९९१ १९७० पृष्ठ २९-३० १७-२१ २३-२५ २९-३२ ३-११ २-२६ ४८-५७ ९७-१०० १९-२१ For Private & Personal Use Only og 2 x डॉ० सागरमल जैन १९९४ १९६० १८५-२०२ श्री मनोहर मुनि ७-८ १९६४ साध्वी (डॉ०) प्रमोद कुमारी डॉ० मोहनलाल मेहता श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री श्री अगरचंद नाहटा y mxar anar www.jainelibrary.org १६ २३ ३० १९९२ १९६४ १९७२ १९७८ २६-३१ ६९-७९ २०-२७ ३-९ २६-३१
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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